google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 उठकर खीर खाओ

उठकर खीर खाओ

किसी गांव में तीन मित्र साथ साथ रहते थे, खुद ही खाना बनाते और मिलजुलकर खाते थे। बहुत दिनों से रूखा सूखा खाना खाकर वे तीनो उब चुके थे , इसलिए एक बार तीनों को कुछ बढिया खाने की इच्‍छा हुई। उन्‍होने सारी सामग्री इकट्ठा की और मिलकर खीर बनाया। खीर बहुत ही स्‍वादिष्‍ट बनी थी , तीनों ने तो जीभर खाया, पर फिर भी एक कटोरा खीर बच ही गया। इस खीर को कल खाया जाएगा , यह तो तय कर लिया गया , पर कौन खाएगा , इसका फैसला करना काफी कठिन था। बहुत देर माथापच्‍ची के बाद तीनो इस निर्णय पर पहुंचे कि रात में जो सबसे अच्‍छा सपना देखेगा , वही खीर खाएगा।

तीनो लेट गए , पर नींद आंख से कोसों दूर थी। सुंदर सपने देखने का कोई सवाल ही नहीं था , इसलिए सभी मन ही मन प्‍लान बना रहे थे कि सुबह उठकर कौन सा सपना सुनाया जाए कि खीर का कटोरा उसे ही खाने को मिले। दो मित्र की कल्‍पना शक्ति काफी तेज थी , दोनो ने सुबह सुनाने के लिए ने सुंदर सुंदर कहानियां बनायी और आराम से खर्राटे भरने लगे। तीसरे का दिमाग ही नहीं चल रहा था , नींद भी नहीं आ रही थी। सोंचते सोंचते उसे फिर से भूख लग गयी , वह आराम से उठा और सारा खीर खाकर कटोरे को पूर्ववत् ढंककर रख दिया। इसके बाद तो उसे आराम से नींद आनी ही थी। 

सुबह तीनो उठे , अब हाथ मुंह धोकर एक दूसरे को कहानी सुनाने की बारी थी। पहले दोस्‍त ने सुनाना शुरू किया कि वह रात सपने में अयोध्‍या पहुंच गया था , वहां की सुंदरता के क्‍या कहने ! ऐसी वाटिका थी, ऐसे फल फूल थे , ऐसी सडके , ऐसी इमारतें , घूमता घूमता वह राजा के महल में भी पहुंच गया। खूबसूरत महल में राजा दशरथ और उनकी तीनों रानियां मौजूद थी । राम , लक्ष्‍मण , भरत और शत्रुध्‍न बाल क्रीडा कर रहे थे। और भी न जाने क्‍या क्‍या , रातभर उसने अयोध्‍या में ही व्‍यतीत किया , वे सब तो इसकी बराबरी कर ही नहीं सकते।

अब दूसरे की बारी थी , उसने सुनाना शुरू किया कि भगवान राम की बाल लीला देखकर इतने संतुष्‍ट हो तुम ! कल रात सपने में मै तो गोकुल पहुंच गया था , वहां की सुंदरता के आगे अयोध्‍या की सुंदरता कहां टिकनेवाली ?  मैं तो कृष्‍ण का सखा बनकर उसके साथ साथ घूम रहा था , गौएं चरा रहा था और वहां कृष्‍ण जी के साथ रास रचाती सुंदर सुंदर गोपियां , अरे मेरी तो वहां से आने की इच्‍छा ही नहीं हो रही थी। इसलिए मेरा सपना तुमसे भी अच्‍छा माना जाएगा।

पहले ने कहा कि हमलोग फैसला बाद में करेंगे , पहले हमारे तीसरे दोस्‍त से सुन तो लिया जाए कि उसने सपने में क्‍या देखा। दोनो के सपने को सुनकर तीसरा दोस्‍त तो घबडा ही गया था , क्‍यूंकि उसे मालूम था कि इतने सुंदर सपनों के बाद किसी भी सपने को सुनाकर वह नहीं जीत सकता था। पर यह समय घबडाने का नहीं , हिम्‍मत से काम लेने का था और हिम्‍मत जुटाने से रास्‍ता तो निकल ही जाता है। उसने कहा , कल रात , यहां मेरे सपने में हनुमान जी आए थे , आते ही उन्‍होने गदा उठाया और कहा , ' तुमने खीर को बचाकर क्‍यूं रखा है , जल्‍दी से उठकर सारे खीर खाओ , नहीं खाए तो गदा के मार से तुम्‍हारी पीठ ही फाड दूंगा' इसके बाद मैं क्‍या करता , उनकी गदा की मार के डर से मैने रात में ही उठकर सारी खीर खा ली।

दोनो दोस्‍त चौंके, 'अरे हनुमान जी ने खीर बचाकर नहीं रखने को कहा , तो तुमने अकेले रात में ही सारी खीर खा ली , हमें भी बुला लेते , खीर को हम सब मिलकर समाप्‍त कर देते।'
'तुम्‍हें कैसे बुलाते , तुम दोनो तो अयोध्‍या और गोकुल में घूम रहे थे , मजबूरीवश मुझे अकेले ही खाना पडा' तीसरे ने निश्चिंति से जबाब दिया।

संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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