google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 2012 में दुनिया के अंत की संभावना 2

2012 में दुनिया के अंत की संभावना 2



2012 में इस दुनिया के अंत की संभावना हकीकत है या भ्रम ? इसकी पहली कडी को लिखने के बाद दूसरे कार्यों में व्‍यस्‍तता ऐसी बढी कि आगे लिखना संभव ही न पाया। 2012 दिसंबर को दुनिया के समाप्‍त होने के पक्ष में जो सबसे बडी दलील दी जा रही है , वो इस वक्‍त माया कैलेण्‍डर का समाप्‍त होना है। माया सभ्यता 300 से 900 ई. के बीच मेक्सिको, पश्चिमी होंडूरास और अल सल्वाडोर आदि इलाकों में फल फूल रही थी , इस सभ्यता के कुछ अवशेष खोजकर्ताओं ने भी ढूंढे हैं।

माना जाता है कि माया सभ्यता के लोगों को गणित, ज्‍योतिष और लेखन के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल थी। माया सभ्यता के लोग मानते थे कि जब इस कैलिंडर की तारीखें खत्म होती हैं, तो धरती पर प्रलय आता है और नए युग की शुरुआत होती है। इसका कैलिंडर ई. पू. 3114 से शुरू हो रहा है, जो बक्तूनों में बंटा है। इस कैलिंडर के हिसाब से 394 साल का एक बक्तून होता है और पूरा कैलिंडर 13 बक्तूनों में बंटा है, जो 21 दिसंबर 2012 को खत्म हो रहा है।

वैसे तो माया कैलेण्‍डर के आधार के बारे में मुझे पूरी पूरी जानकारी नहीं , फिर भी माया कलेंडर में एक साथ दो दो साल , पहला 260 दिनों का और दूसरा 365 दिनों के चलते थे। मैं समझती हूं कि 365 दिन का साल तो निश्चित तौर पर सौर गति पर आधारित होता होगा , जबकि 260 दिनों का साल संभवत: 9 चंद्रमास का होता हो। इस तरह इसके 4 चंद्रवर्ष पूरे होने पर 3 सौरवर्ष ही पूरे होते होंगे , जिसका सटीक तालमेल करते हुए वर्ष के आकलन के साथ ही साथ ग्रह नक्षत्रों और सूर्यग्रहण , चंद्रग्रहण तक के आकलन का उन्‍हें विशिष्‍ट ज्ञान था।

इससे उनके गणित ज्‍योतिष के विशेषज्ञ होने का पता तो चजता है , पर फलित ज्‍योतिष की विशेषज्ञता की पुष्टि नहीं होती है। कोर्नल विश्वविद्यालय में खगोलविद ऐन मार्टिन का भी कहना है कि माया कैलेंडर का डिजायन आवर्ती है। ऐसे में कहना कि दीर्घ गणना दिसंबर 2012 को समाप्त हो रही है, सही नहीं है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे हमारी सभ्यता ने नई सहस्त्राब्दी का स्वागत किया था। इस प्रकार यह माना जा सकता है कि माया कैलेण्‍डर के वर्ष का समाप्‍त होना बिल्‍कुल सामान्‍य घटना है।

हम सभी जानते हैं कि घडी या कैलेण्‍डर समय को याद रखने का एक माध्‍यम भर है , यह अपने में बिल्‍कुल तटस्‍थ है और हरेक व्‍यक्ति को अपनी सुविधानुसार इसका उपयोग करना होता है। न तो किसी प्रकार की खुशी और न ही किसी प्रकार के गम से इसका कोई लेना देना होता है। अपनी सुविधा के लिए हम घडी और कैलेण्‍डर की तरह अन्‍य साधनों का निर्माण करते हैं। किसी न किसी दिन सबका अंत होना ही है , कंप्‍यूटर इंजीनियरों द्वारा कंप्‍यूटर के सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग 2000 तक के लिए की गयी थी।

2000 के एक दो वर्ष पूर्व से ही इस बात को लेकर हंगामा मचा हुआ था कि Y2K की समस्‍या के कारण हमारे सारे कंप्‍यूटर बेकार हो जाएंगे , पर ऐसा नहीं हुआ। उस समस्‍या को दूर किया गया और आज भी हम उसका उपयोग कर रहे हैं। पिछले लेख में आपने पढा कि 2010 तक ही अपने सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग किए होने से 2012 दिसंबर की ग्रहीय गणना में मेरे समक्ष भी बाधा आयी। अब यदि इस मध्‍य मैं दुनिया में न होती , तो मेरे किसी शिष्‍य के द्वारा इस बात का भयावह अर्थ लगाना भी संभव था।

किसी असामान्‍य परिस्थिति में इस प्रकार का भ्रम पैदा हो जाना बिल्‍कुल स्‍वाभाविक है , पर हर वक्‍त हमें अपने विवेक से काम लेना चाहिए। सिर्फ माया कैलेण्‍डर की चर्चा में ही पोस्‍ट की लंबाई बढ गयी है , जबकि 2012 के प्रलय की संभावना के बारे में बहुत सारे सबूत जुटाए गए हैं , सबकी चर्चा के लिए फिर अगली कडी का इंतजार करवाने को बाध्‍य हूं।



'गत्यात्मक ज्योतिष' टीम
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संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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