google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 ठंड के दिनों में ताजे और स्‍वादिष्‍ट दही

ठंड के दिनों में ताजे और स्‍वादिष्‍ट दही

हमारे शरीर को जितने आवश्‍यक तत्‍वों की जरूरत होती है .. जल , चर्बी , प्रोटीन , शक्‍कर के साथ ही साथ नमक भी दूध से प्राप्‍त हो जाते हैं। इसलिए दूध को एक संपूर्ण आहार कहा गया है। गाय के अतिरिक्‍त भैंस , भेड , बकरी , रेन्डियर और ऊंट से भी दूध प्राप्‍त किया जाता है। दूध में जब थोडी मात्रा में  दही डाल दिया जाता है , तो धीरे धीरे सारा दूध ही दही बन जाता है। 

दूध में मौजूद केसिन नामक प्रोटीन में मनुष्‍य के शरीर के लिए अमीनो अम्‍ल पर्याप्‍त मात्रा में मौजूद होता है। लैक्टिक अम्‍ल का बैक्‍टेरिया प्रोटीन के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है , तो सारा दूध दही में बदल जाता है। यह दही हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है और प्राचीन काल से ही मानव खाने में इसका उपयोग कर रहे हैं। कुछ लोग दही को शक्‍कर के साथ लेते हैं , तो कुछ नमक के साथ भी। 

बंगाल में दूध को दही में बदलने से पहले ही इसमें चीनी मिला दी जाती है , ताकि 'मिष्‍टी दोई' तैयार हो सके। मध्‍य प्रदेश में श्रीखंड और पंजाब में लस्‍सी के रूप में दही का उपयोग किया जाता है। दही न सिर्फ शारीरिक आवश्‍यकताओं को ही पूरी करता है , वरन् दही के उपयोग से हमारा पाचन संस्‍थान अच्‍छे ढंग से काम करता हैं।

दूध से दही अच्‍छी तरह जमने में चार घंटों का समय पर्याप्‍त होता है , पर इसके लिए दूध को उतने समय तक लगातार 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर छोडना होगा। गर्मियों के दिन में दूध उतने देर तक गर्म रह जाता है , इसलिए चार घंटे में दही जम जाती है और उस दही में अच्‍छा स्‍वाद होता है , साथ ही वह फायदेमंद भी होता है। पर सर्दियों में चार घंटों में दही का जमना मुश्किल है,  देर से दही जमें , तो स्‍वाद में अंतर आता है । 

इसलिए व्‍यवस्‍था ऐसी रखी जानी चाहिए कि चाहे कोई भी मौसम हो , चार घंटे में ही दही जम जाए। छोटी मात्रा में दही जमाने के लिए तो अब कई उपकरण है , इसलिए दिक्‍कत की कोई बात नहीं। कैसरोल में भी दूध को गर्म कर जामन डाल देने से दही अच्‍छी तरह जम जाता है। पर बडी मात्रा में दही जमाना आज भी बडा भारी काम है।  कभी कभी तो रातभर रखने के बावजूद दही नहीं जमता , दूध ज्‍यों का त्‍यों पडा रह जाता है। 

वैसी हालत में उस दूध को थोडी देर धूप में रख दें , तो दही जम जाता है , पर उसका स्‍वाद सामान्‍य नहीं रह पाता। इसलिए सर्दियों में थोडा ध्‍यान देकर दही जमाना  चाहिए। सर्दियों में गर्मियों की तुलना में कुछ अधिक मात्रा में जामन डाली जानी चाहिए। दही जमानेवाले दूध को भी गर्मियों की तुलना में अधिक गर्म रखा जाना चाहिए। 

सर्दियों में दिन में ही दही जमा लेना बहुत अच्‍छा रहता है , यदि रात में ही दही जमाने की मजबूरी हो , तो बरतन के पेंदे को गर्म रखने की पूरी व्‍यवस्‍था की जानी चाहिए। इसके अलावे उसे इस ढंग से ढंककर रखें कि दूध चार छह घंटों तक ठंडा न होने पाए। जाडे में दही जमाते वक्‍त बहुत लोग बरतन को कंबल से भी अच्‍छी तरह ढंक दिया करते हैं। इन सब उपायों से आप ठंड के दिनों में भी ताजे और स्‍वादिष्‍ट दही का मजा ले सकते हैं !

संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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