google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 बच्‍चों के कपडे जूत्‍ते खरीदना

बच्‍चों के कपडे जूत्‍ते खरीदना

बोकारो के बारे में अबतक आपने पढा .... बोकारो में दोनो बच्‍चों के साथ परिवार के किसी अन्‍य सदस्‍य के न होने से मुझे पढाई के साथ ही साथ बच्‍चों के शारीरिक और चारित्रिक विकास पर भी मैने पूरा ध्‍यान देना पडा। बहुत बचपन में तो बच्‍चें की लंबाई तेज गति से बढती नहीं है , यदि बढती भी हो , तो अधिकांशत: हाफ शर्ट और हाफ पैण्‍ट में मालूम भी नहीं चलता। पर किशोरावस्‍था के दो चार वर्ष लंबाई में बहुत तेज गति से वृद्धि होती है , खासकर हमारे घर के सभी बच्‍चे 13 की उम्र तक अपनी पूरी लंबाई छह फीट पूरे कर लेते हैं , इस दौरान इनकी पीठ , बगल और जांघों में वो स्‍क्रैच पड जाता है , जो महिलाओं के शरीर में गर्भावस्‍था के दौरान पडता है। इसलिए 9 से 13 की उम्र के चार पोंच वर्ष जहां एक ओर पौष्टिक खाना खिलाने पर इनपर पूरा ध्‍यान देना आवश्‍यक होता हैं , वहीं फैशन के इस दौर में कपडे , जूते खरीदने में साइज को लेकर खासी मशक्‍कत होती है। कपडे जूत्‍ते तुरंत छोटे हो जाते , इसको ध्‍यान में रखते हुए बडे कपडे जूत्‍ते खरीदने की मजबूरी होती ।

कक्षा आठवीं तक ही पूरी लंबाई प्राप्‍त कर लेने से उसके बाद कपडों के छोटे होने को लेकर अधिक समस्‍या नहीं रह गयी थी। यह बात मुझे इसलिए याद है , क्‍यूंकि स्‍कूल की ओर से इस कक्षा में उनके नाप के अनुरूप जो नीले स्‍कोलर ब्‍लेजर मिले , वो दुबारा हमें नहीं बनवाने पडे थे। लंबाई पूरी होने के बाद फिर कमर की साइज बढने से समस्‍या आती रही। हां जब से हॉस्‍टल में रहने लगे हैं , बाहर के अस्‍वास्‍थ्‍यकारी और अरूचिकर खाने ने उनकी कमर भी कम कर दी है। अभी तक जिन पैण्‍टों के कमर छोटे हो गए थे , वो भी अब फिट हो रहे हैं। पर एक समय था , जब कपडे के कारण अच्‍छी मुसीबत हो जाया करती थी , खासकर एक प्रसंग तो हमेशा याद रखने लायक है।

बोकारो में दुर्गापूजा बहुत धूमधाम से मनायी जाती है , पूजा के कारण अधिकांश घरों में लोग नए कपडे खरीदते ही हैं , पर हमलोग कपडे का बाजार जरूरत के मुताबिक ही करते हैं । एक वर्ष दोनो भाइयों के सारे कपडे छोटे मिले , खासकर पैरों और हाथों की लंबाई बढने से फुल पैण्‍ट , फुल शर्ट और पार्टी के जूत्‍तों पर अधिक असर पडता है , क्‍यूंकि स्‍कूल के जूत्‍ते तो एक वर्ष में पहनने लायक नहीं होते। चार छह महीने के दौरान कहीं जाना हो , तो दिक्‍कत हो जाएगी , यह सोंचकर दोनो के तीन तीन सेट अच्‍छे कपडे बनवाए। दिसंबर में ही चाचाजी की लडकी का विवाह तय हुआ , वे फरवरी में विवाह कर सकते थे , पर घर के बच्‍चों की परीक्षा को देखते हुए 5 मार्च कर दिया ।

छह माह पहले पूजा में ही कपडे बनवाए थे , तैयारी की कोई आवश्‍यकता नहीं थी , इसलिए मैं बच्‍चों की परीक्षा की तैयारी में ही व्‍यस्‍त रही। 5 मार्च को मेरे बच्‍चों की अंतिम परीक्षा थी , परीक्षा देकर उन्‍हें 12 बजे तक स्‍कूल से लौटना था। मेरा मायका 30 किमी की दूरी पर है , मैने 1 बजे तक चलने का कार्यक्रम बनाया । दोनो को स्‍कूल भेजकर मैने जल्‍दी जल्‍दी सारी पैकिंग शुरू कर दी , एक एक सेट कपडे बच्‍चें के रास्‍ते के लिए भी रख लिए। स्‍कूल से बच्‍चे आए तो खा पीकर तैयार होने लगे। घर से कहीं निकलना हो , तो अंत अंत में कई तरह के काम होते हैं , मैं उसी में व्‍यस्‍त थी कि छोटे बेटे ने आकर दिखाया कि मैने उसके लिए जो पैंट निकालकर रखी थी , वह छोटा हो गया है। रास्‍ते की ही तो बात थी , मैने उसे बडे बेटे की वह पैण्‍ट दे दी , जो उसने एकाध दिन पहनकर हैंगर में टांग दिया था।

विवाह के घर में रिश्‍तेदारों की भीड , आजकल महिलाओं को काम तो कुछ रहता नहीं है , गप्‍पें मारते दोपहर से कैसे शाम हो गयी , पता भी न चला। बरात आने वाली थी , आठ या साढे आठ बजे हमलोग तैयार होने अपने पापा के घर आए , क्‍यूंकि हमारी अटैची वहीं थी। सब अपने अपने कपडे पहनने लगे , पर यह क्‍या ?? बडे ने तो पिछले वर्ष ही अपनी लंबाई पूरी कर ली थी , इसलिए इन छह महीनों में उसके कपडे छोटे नहीं हुए थे , पर छोटे बेटे की पैंट तो मेरे बढाकर खरीदे हुए दो तीन इंच अधिक का मेकअप करते हुए उसके पैरो से दो इंच ऊपर आ गयी थी यानि छह महीने के अंदर उसके कमर के नीचे का हिस्‍सा 5 इंच से अधिक बढ गया था। मेरे पास उसके और कपडे थे नहीं और मेरे घर में कोई उसका हमउम्र भी नहीं था । पुरानी पैंट, जो वह पहनकर गया था , उसमें रसगुल्‍ले के रस गिर चुके थे , बाजार भी बंद हो गया था , बडे ने पिछले वर्ष ही अपनी लंबाई पूरी कर ली थी , इसलिए उसके कपडे काफी लंबे थे , किसी तरह मोडकर उससे ही काम चलाना पडा।
संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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