google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन

महाकालेश्‍वर के उद्भव के बारे में मान्‍यता है कि भगवान शिव के परम भक्त उज्‍जयिनी के राजा चंद्रसेन को एक बार उनके शिवगणों में प्रमुख मणिभद्र ने तेजोमय 'चिंतामणि' प्रदान की, जिसे गले में धारण देखकर दूसरे राजाओं ने उसे पाने के प्रयास में आक्रमण कर दिया। शिवभक्त चंद्रसेन भगवान महाकाल की शरण में जाकर ध्यानमग्न हो गया। जब चंद्रसेन समाधिस्थ था तब वहाँ कोई गोपी अपने पांच वर्ष के छोटे बालक को साथ लेकर दर्शन हेतु आई। राजा चंद्रसेन को ध्यानमग्न देखकर बालक भी शिव की पूजा हेतु प्रेरित हुआ। कुछ देर पश्चात क्रुद्ध हो माता ने उस बालक को पीटना शुरू कर दिया और समस्त पूजन-सामग्री उठाकर फेंक दी। ध्यान से मुक्त होकर बालक चेतना में आया तो उसे अपनी पूजा को नष्ट देखकर बहुत दुःख हुआ। अचानक उसकी व्यथा की गहराई से चमत्कार हुआ। भगवान शिव की कृपा से वहाँ एक सुंदर मंदिर निर्मित हो गया। मंदिर के मध्य में दिव्य शिवलिंग विराजमान था एवं बालक द्वारा सज्जित पूजा यथावत थी। उसकी माता की तंद्रा भंग हुई तो वह भी आश्चर्यचकित हो गई। राजा चंद्रसेन को जब शिवजी की अनन्य कृपा से घटित इस घटना की जानकारी मिली तो वह भी उस शिवभक्त बालक से मिलने पहुँचा। अन्य राजा जो मणि हेतु युद्ध पर उतारू थे, वे भी पहुँचे। सभी ने राजा चंद्रसेन से अपने अपराध की क्षमा माँगी और सब मिलकर भगवान महाकाल का पूजन-अर्चन करने लगे। तभी वहाँ रामभक्त श्री हनुमानजी अवतरित हुए और उन्होंने गोप-बालक को गोद में बैठाकर सभी राजाओं और उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया। दैनिक भास्‍कर में छपे इन तस्‍वीरों और वर्णन को आपसे शेयर करने से नहीं रोक पायी .........

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। सावन के महीने में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का भी विशेष महत्व है। इन सभी ज्योतिर्लिंगों का अपनी एक अलग विशेषता है। इन सभी में एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की महिमा देखते ही बनती है।

यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहे जाने वाले उज्जैन शहर में स्थित है। यहां के लोग भगवान महाकाल को अपना राजा मानते हैं। हर साल भगवान महाकाल सावन व भादौ के महीने में पालकी में सवार होकर जनता का हाल-चाल जानने के लिए निकलते हैं। ऐसी कई अनोखी परंपराएं यहां प्रचलित हैं। भगवान महाकाल के अद्भुत श्रृंगार भक्तों का मन मोह लेते हैं। आप भी देखिए भगवान महाकाल के विभिन्न श्रृंगारों की तस्वीरें-
1- ये है भगवान महाकाल के अद्र्धनारीश्वर रूप का श्रृंगार।






Source: धर्म डेस्क. उज्जैन
 2- ये है भगवान महाकाल के भांग श्रृंगार का अनोखी रूप।







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 3- इस तस्वीर में बाबा महाकाल घटाटोप श्रृंगार में दिखाई दे रहे हैं।







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4- भगवान महाकाल का शिव तांडव श्रृंगार भक्तों का मन मोह लेता है।





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5- केसर-चंदन श्रृंगार में भगवान महाकाल का अद्भुत रूप दिखाई देता है।





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 6- ये है भगवान महाकाल का रुद्र श्रृंगार।






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 7- इस फोटो में भगवान महाकाल सेहरा श्रृंगार में दिखाई दे रहे हैं। बाबा महाकाल का ये श्रृंगार साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दिन किया जाता है।

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संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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