tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post3969316204332308098..comments2023-10-13T16:53:53.961+05:30Comments on Gatyatmak Jyotish, Your guide to the future.: भला बिना बच्चों के कैसी दीपावली ??संगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-85206658657255468012011-12-19T20:19:58.576+05:302011-12-19T20:19:58.576+05:30बहुत खूब , अच्छा लिखा है ,बहुत खूब , अच्छा लिखा है ,Ravi kant yadav justiceleaguehttp://www.blogger.com/profile/03557209918948779476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-75299256098463493802011-12-08T20:14:39.776+05:302011-12-08T20:14:39.776+05:30बहुत सुन्दर प्रविष्टि.। मेरे नए पोस्ट 'आरसी प्...बहुत सुन्दर प्रविष्टि.। मेरे नए पोस्ट 'आरसी प्रसाद. सिंह" पर आकर मुझे प्रोत्साहित करें ।.बधाई ।प्रेम सरोवरhttp://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-86369544379577229932011-11-09T19:13:52.255+05:302011-11-09T19:13:52.255+05:30संगीता जी,आपने अपने बच्चों से दूर रहने वाले सारे म...संगीता जी,<br>आपने अपने बच्चों से दूर रहने वाले सारे माता-पिता का दर्द बयाँ कर दिया है....दिवाली के दौरान...फेसबुक पर अपने भतीजे-भांजों के ऐसे ही अपडेट्स देख रही थी...जिसमे वे नाराज़गी व्यक्त कर रहे थे कि....उनके शहर में अच्छे कॉलेज क्यूँ नहीं हैं..क्यूँ उन्हें घर से दूर रहना पड़ रहा है.<br><br>मेरी एक सहेली जो कॉलेज की प्रिंसिपल है....दिवाली के दिन बिलकुल अकेली थी..बच्चे दूर दूसरे शहर में और डॉक्टर पति को भी छुट्टी नहीं मिली.<br><br>त्योहार तो अपने परिवार के दस्यों के साथ ही मनाने का दिन है...पर मजबूरी जो ना कराये :(rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-82316747619435058922011-11-07T17:36:25.366+05:302011-11-07T17:36:25.366+05:30देर से ही सही, दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएंदेर से ही सही, दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएंमहेन्द्र श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-32730588192931377102011-11-04T20:55:26.476+05:302011-11-04T20:55:26.476+05:30सुंदर मन की सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका स...सुंदर मन की सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttp://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-15444056779545642382011-11-04T17:09:00.083+05:302011-11-04T17:09:00.083+05:30badhiya lekh...hridaysparshibadhiya lekh...hridaysparshiसुरेन्द्र सिंह " झंझट "http://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-87767285016010272032011-11-04T11:34:11.406+05:302011-11-04T11:34:11.406+05:30बहुत गंभीर विषय पर सार्थक चिंतन--आभार।बहुत गंभीर विषय पर सार्थक चिंतन--आभार।ZEALhttp://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-56012388532044663142011-11-03T19:35:18.642+05:302011-11-03T19:35:18.642+05:30त्यौहार की असली जान बच्चे ही होते हैं,बिना उनके को...त्यौहार की असली जान बच्चे ही होते हैं,बिना उनके कोई उल्लास नहीं !संतोष त्रिवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-8402808209964849092011-11-01T19:51:45.969+05:302011-11-01T19:51:45.969+05:30सच कहा बिना बच्चों के सारे त्यौहार फीके लगते हैं ...सच कहा बिना बच्चों के सारे त्यौहार फीके लगते हैं ...बहुत सटीक प्रस्तुति..Maheshwari kanerihttp://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-42178133987300684652011-11-01T12:52:57.389+05:302011-11-01T12:52:57.389+05:30बच्चों के बिना हमारे त्योहार तो फीके रहते ही हैं,ब...बच्चों के बिना हमारे त्योहार तो फीके रहते ही हैं,बच्चे भी इस दूरी को बहुत कठिनता से झेलते हैं...त्योहारों के दिन बार-बार बच्चों का फोन आना मन को विह्वल कर देता है|ऋता शेखर 'मधु'http://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-85316726457055968812011-10-31T19:28:41.020+05:302011-10-31T19:28:41.020+05:30बहुत सटीक प्रस्तुति...बहुत सच कहा है कि बच्चों के ...बहुत सटीक प्रस्तुति...बहुत सच कहा है कि बच्चों के बिना क्या त्यौहार...आभारKailash C Sharmahttp://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-91632383154932669972011-10-30T11:29:07.675+05:302011-10-30T11:29:07.675+05:30बच्चों की शिक्षा जैसी मौलिक आवश्यकता के लिए भी स...बच्चों की शिक्षा जैसी मौलिक आवश्यकता के लिए भी सरकार के पास कोई व्यवस्था नहीं है। पहले समाज के सबसे विद्वान लोग शिंक्षक हुआ करते थे , सरकारी स्कूलों की मजबूत स्थिति ने कितने छात्रों को डॉक्टर और इंजीनियर बना दिया था। पर समय के साथ विद्वान दूसरे क्षेत्रों में जाते रहें और शिक्षकों का स्तर गिरता चला गया। शिक्षकों के हिस्से इतने सरकारी काम भी आ गए कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढाई पीछे होती गयी।सरकार ने कर्मचारियों के बच्चों के पढने के लिए केन्द्रीय स्कूल भी खोलें , उनमें शिक्षकों का मानसिक स्तर का भी ध्यान रखा , पर अधिकांश क्षेत्रों में खासकर छोटी छोटी जगहों के स्कूल पढाई की कम राजनीति की जगह अधिक बनें। इसका फायदा उठाते हुए प्राइवेट स्कूल खुलने लगे और मजबूरी में अभिभावकों ने बच्चों को इसमें पढाना उचित समझा। आज अच्छे स्कूल और अच्छे कॉलेजों की लालच में बच्चों को अपनी उम्र से अधिक जबाबदेही देते हुए हम दूर भेज देते हैं। अब नौकरी या व्यवसाय के कारण कहीं और जाने की जरूरत हुई तो पूरे परिवार को ले जाना मुनासिब नहीं था। इस कारण परिवार में सबके अलग अलग रहने की मजबूरी बनी रहती है। <br>सटीक विश्लेषण परक पोस्ट .veerubhaihttp://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-53764506742074141942011-10-30T09:19:40.913+05:302011-10-30T09:19:40.913+05:30डिग्रियाँ मिली - संस्कार खो गये,नौकरियाँ मिल गई-...डिग्रियाँ मिली - संस्कार खो गये,<br>नौकरियाँ मिल गई-अधिकार खो गये<br>गुजारा-भत्ता मिला -वो खुशनसीब बड़े<br>सुविधायें मिली - त्यौहार खो गये.<br><br>सच कहा आपने बिना बच्चों के कैसी दीवाली ?अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)http://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-88741735964360240502011-10-29T21:14:25.332+05:302011-10-29T21:14:25.332+05:30सही कहा संगीता जी आप ने बिना बच्चों के सारे त्यौहा...सही कहा संगीता जी आप ने बिना बच्चों के सारे त्यौहार फीके लगते हैं ... बहुत अच्छी पोस्टMaheshwari kanerihttp://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-798512076022071252011-10-27T14:28:20.708+05:302011-10-27T14:28:20.708+05:30बड़ा ही महत्वपूर्ण हो चला है यह विषय आज के संदर्भ ...बड़ा ही महत्वपूर्ण हो चला है यह विषय आज के संदर्भ में। मर खप कर माता-पिता बच्चों को शिक्षित करते हैं और बच्चे रोजी-रोजगार के कारण उनसे छिन जाते हैं। एकाकी जीवन बूढ़े माता-पिता के लिए कितना कष्टकारी होता है यह मैं देख रहा हूँ। नियति बन चुकी आधुनिक सामाजिक व्यवस्था का दंश बुजुर्ग ही झेलते हैं।देवेन्द्र पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-45416118509513113472011-10-27T11:27:24.618+05:302011-10-27T11:27:24.618+05:30Dear Sangita mam,आपकी लेख पढ कर मैं काफी भावुक हो ...Dear Sangita mam,<br>आपकी लेख पढ कर मैं काफी भावुक हो गयी। नौकरी के चलते मैं भी अपने घर से काफी दूर हूँ। त्यौहार के दौरान बचपन की यादें,और जैसा कि आपने लिखा है "भला बिना बच्चों के कैसी दीपावली" मेरे लिए तो...... "भला बिना माता पिता के कैसी दीपावली" है। शायद हम परिपुरक हैं। This message is dedicated to all loving Parents. Without you we don't have any existence.leenahttp://www.blogger.com/profile/13057254218499720567noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-41464239181863997322011-10-27T07:34:04.279+05:302011-10-27T07:34:04.279+05:30आज के परिवेश को चित्रित करती यथार्थ को बंया करती स...आज के परिवेश को चित्रित करती यथार्थ को बंया करती सुंदर रचना। हमे भी इस बात का मलाल है…हम 2+2 के फ़ार्मूले पर चले। आज बेटा त्योहार मे भी हमसे दूर आई आई टी मंडी (हिमाचल प्रदेश मे) कल लगा सब सूना सूना। खैर बिटिया साथ है अभी।<br>"दीपोत्सव के चौथे दिन "अन्न-कूट गोवर्धन पूजा" की बहुत बहुत बधाई…। सबसे पहले ब्लॉग का समर्थन करने के लिये व "दीपावली की शुभकामनायें" वार्ता मे रखने के लिये बहुत बहुत आभार…सूर्यकान्त गुप्ताhttp://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-91881121219223225672011-10-27T05:34:55.645+05:302011-10-27T05:34:55.645+05:30दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!ब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-84264258746559017942011-10-26T22:42:59.652+05:302011-10-26T22:42:59.652+05:30bahut achchi post......bahut achchi post......mridula pradhanhttp://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-84006565454348794932011-10-26T21:56:19.515+05:302011-10-26T21:56:19.515+05:30संगीता बहन ! दीपावली के बहाने आपने एक गम्भीर सामाज...संगीता बहन ! दीपावली के बहाने आपने एक गम्भीर सामाजिक समस्या की ओर ब्लॉग जगत का ध्यान आकर्षित किया है. यह बिलकुल सच है कि बच्चों के कैरियर बनाने की मृग-तृष्णा आज बच्चों से कहीं ज्यादा उनके माता-पिता को एक ऐसी दौड़ में झोंक रही है ,जिसका कोई अंत नहीं है. देखें ,आगे क्या होता है ? उम्मीद करना चाहिए कि जो भी होगा सबके अच्छे के लिए होगा. आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएंSwarajya karunhttp://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-17614758711956214372011-10-26T21:18:58.928+05:302011-10-26T21:18:58.928+05:30सही है जी!आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली की ...सही है जी!<br>आपको और आपके पूरे परिवार को <br>दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-69165814735053520922011-10-26T14:30:49.736+05:302011-10-26T14:30:49.736+05:30दीपावली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें संगीता...दीपावली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें संगीता जी ! यह वर्ष हर प्रकार से यश, सुख और समृद्धि में संवर्धन करे यही मंगलकामना है !Sadhana Vaidhttp://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-57568187119827513862011-10-26T12:21:55.293+05:302011-10-26T12:21:55.293+05:30पढाई के बाद कैरियर के लिए भी बच्चे बाहर ही रह जाते...पढाई के बाद कैरियर के लिए भी बच्चे बाहर ही रह जाते हैं त्योहारों में. मैं खुद भी कई वर्षों से दीपावली घर पर नहीं मना पाया हूँ...<br>आप सभी को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं.अभिषेक मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-69374075572707183172011-10-26T11:14:50.037+05:302011-10-26T11:14:50.037+05:30सच है बिना बच्चों के सारे त्यौहार फीके लगते हैं .....सच है बिना बच्चों के सारे त्यौहार फीके लगते हैं ... बहुत अच्छी पोस्ट <br><br>दीवाली की शुभकामनायेंसंगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-34643702101847133612011-10-26T10:20:33.961+05:302011-10-26T10:20:33.961+05:30बिल्कुल सही। यह तो हेल-मेल का त्योहार है।प्यार हर ...बिल्कुल सही। यह तो हेल-मेल का त्योहार है।<br><br><b>प्यार हर दिल में पला करता है,<br>स्नेह गीतों में ढ़ला करता है,<br>रोशनी दुनिया को देने के लिए,<br>दीप हर रंग में जला करता है।<br>प्रकाशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!!</b>मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com