tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post7634231825005866365..comments2023-10-13T16:53:53.961+05:30Comments on Gatyatmak Jyotish, Your guide to the future.: नास्तिक अपना मुसीबत भरा समय किसके सहारे काटें ??संगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-65230053798353015802010-09-10T06:40:12.418+05:302010-09-10T06:40:12.418+05:30आपसे हमेशा की तरह सहमत.आपसे हमेशा की तरह सहमत.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-53833094573208853972010-09-10T00:36:38.149+05:302010-09-10T00:36:38.149+05:30नितिन जी .. प्रकृति के नियमों पर विश्वास रखनेवाला...नितिन जी .. प्रकृति के नियमों पर विश्वास रखनेवाला आस्तिक कहलाता है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-68183884819356241712010-09-10T00:32:41.654+05:302010-09-10T00:32:41.654+05:30निशांत मिश्र जी ,
मनोविज्ञान विज्ञान के अंतर्गत आ...निशांत मिश्र जी ,<br /><br />मनोविज्ञान विज्ञान के अंतर्गत आता है .. और इसका अध्ययन साबित करता है कि हर वक्त मनुष्य मानसिक तौर पर एक सा नहीं रह पाता .. परिस्थितियां इनके सोंचने समझने के ढंग पर प्रभाव डालती है .. आप दावे से ऐसा कैसे कह सकते हैं .. कि मुसीबत भरे समय को काटने के लिए किसी सहारे की आवश्यकता नहीं !!<br />Plz tell us the definition of "Astik"Unknownhttps://www.blogger.com/profile/14476388266090768596noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-8862100573760461722010-09-09T16:03:31.190+05:302010-09-09T16:03:31.190+05:30आस्था और अंधविश्वास में अंतर करनेवाला ही धर्म का स...आस्था और अंधविश्वास में अंतर करनेवाला ही धर्म का सच्चा पथ पकड पायेगा।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-33598534801953608702010-09-08T19:03:02.969+05:302010-09-08T19:03:02.969+05:30@ विनय
आपको कैसे पता की मुश्किल वक्त काटने में न...@ विनय <br /><br />आपको कैसे पता की मुश्किल वक्त काटने में नास्तिकों को कितनी कठिनाई होती है. क्या आप खुद नास्तिक हैं या किसी नास्तिक ने आपको ऐसा बताया? <br /><br />@ harendra singh रावत<br /><br />जागरुक लोग कहते हैं भूत-शैतान सब काल्पनिक बातें हैं.<br /><br />जवाब : जागरुक कहता "है भूत-शैतान नहीं है ", क्या नहीं है ? "भूत-शैतान नहीं है ". उसके मुंह से भी बार बार भूत शैतान का नाम निकालता है . फिर इंसान चाहे कोई भी हो इन मान्यताओं का विरोध करके ही सही दैविक-राक्षसी ताकतों नाम तो लेता ही है .ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-29178344242124432512010-09-08T18:04:42.882+05:302010-09-08T18:04:42.882+05:30बहुत ही गमभींर प्रश्न,आस्तिक हो या नास्तिक अपना बु...बहुत ही गमभींर प्रश्न,आस्तिक हो या नास्तिक अपना बुरा समय काट ही लेतें है,आस्तिक पूजा,पाठ से थोडा़ <br />बुरा समय काट लेतें है,पर नास्तिक के लिये थोड़ी कठनाई हो जाती है ।Vinashaay sharmahttps://www.blogger.com/profile/14896278759769158828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-29367067402672349382010-09-08T17:37:45.220+05:302010-09-08T17:37:45.220+05:30aastik kaun hai aur nashik kaun hai, yeh ek vichar...aastik kaun hai aur nashik kaun hai, yeh ek vicharniya prashan hai ? nashtik kahata "hai bhagvan naheen hai", kyaa naheen hai ? "bhagvaan naheen hai". usake munh se bhee baar baar bhagvaan kaa naam nikalata hai. fir insaan chaahe koee bhee ho musibat padane par chaahe gaalee dekar hee sahee usaka naam to leta hee hai. fir bhee aapake vichaaron se main sahamat hoon.harendra singh rawathttps://www.blogger.com/profile/16719319457905241056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-80512563601574231632010-09-08T14:46:05.934+05:302010-09-08T14:46:05.934+05:30@गिरिजेश राव जी
नास्तिक और आस्तिक में कोई ज्यादा ...@गिरिजेश राव जी<br /><br />नास्तिक और आस्तिक में कोई ज्यादा फ़ेर नहीं है।<br />आस्तिक भी आत्मविश्वास से भरा होता है कि उसकी आस्था है, नास्तिक भी आत्म विश्वास से भरा होता है कि उसकी अनास्था है। नास्तिक भी अडिग है और आस्तिक भी अडिग है। दोनो अपनी-अपनी मान्यताओं पर अटल हैं।<br />अंत में यही सिद्ध होता है कि नास्तिक भी सबसे बड़ा आस्तिक है। <br />नास्तिक की न अस्ति में इतनी अस्ति होती है जितनी आस्तिक को अस्ति में।<br /><br />वैसे निरुक्त में नास्तिक का परिचय देते हुए कहा गया की "वेद निन्दकौ नास्तिक:"<br /><br />यहां मेरे मत अनुसार नास्तिक उसे कहा गया है जो वेद की श्रुति परम्परा में विश्वास नहीं रखता है। उसकी निन्दा करता है। इसमें ईश्वर को मानने और न मानने वाली बात ही नजर नहीं आती। बात श्रुति ज्ञान पर आकर सिमट जाती है। आगे विद्वान लोग इसका खुलासा कर सकते हैं।<br /><br />इसलिए मैने पूर्व में कहा कि नास्तिक ही सबसे बड़ा आस्तिक है।<br /><br />बस ऐसा ही कुछ बुद्धि ने प्रगट किया वह लिख दिया।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-71123113404854450172010-09-08T14:00:33.444+05:302010-09-08T14:00:33.444+05:30खुद की शक्ति के सहारे कैसा भी वक्त कट जाता है, बाक...खुद की शक्ति के सहारे कैसा भी वक्त कट जाता है, बाकि किसी काल्पनिक शक्ति की बैसाखी की दरकार नहीं है.<br /><br />दुनिया में हजारो सालों से लाखों नास्तिक हैं, उनपर भी दुःख पड़ते रहे हैं. जैसे वे समय काटते रहे हैं वैसे आगे भी काटते रहेंगे. <br /><br />वैसे आपको नास्तिकों की इतनी चिंता कब से हो गई?<br /><br />नास्तिक विशेषण गाली जैसे प्रयोग होता है, मैं बताते हुए डरता हूँ की मैं ईश्वर की अवधारणा पर विश्वास नहीं रखता. पता नहीं नास्तिक होने के आरोप में कहाँ पीट पीट कर मार डाला जाए? कोई बचाने भी नहीं आएगा.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-64111817092723001152010-09-08T11:35:16.388+05:302010-09-08T11:35:16.388+05:30एक दूसरी ही बात..
हम समय काट रहें हैं या समय हमें ...एक दूसरी ही बात..<br />हम समय काट रहें हैं या समय हमें काट रहा है.सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-7341432103201243542010-09-08T09:32:27.515+05:302010-09-08T09:32:27.515+05:30आस्तिक मुसीबत का समय प्रार्थना और संतोष में गुजार ...आस्तिक मुसीबत का समय प्रार्थना और संतोष में गुजार देते हैं , पर नास्तिकों के लिए मुसीबत का समय काटना अधिक मुश्किल होता है <br />आपकी इन पंक्तियों ने प्रभावित किया। इसलिए ही कई बार कर्म-काण्ड करने भी जरूरी हो जाते हैं क्योंकि इन्हीं से हम एक-दूसरे के नजदीक आते हैं। हम ऐसे कितने ही कर्म त्यागते जा रहे हैं जिनसे परिवार एक साथ आकर बैठता था अब तो मुसीबत में बस हम अकेले होते हैं। अच्छा आलेख है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-39457139745778961392010-09-08T08:22:19.579+05:302010-09-08T08:22:19.579+05:30भला नास्तिक अपना मुसीबत भरा समय किसके सहारे काटें ...भला नास्तिक अपना मुसीबत भरा समय किसके सहारे काटें ??<br />सचमुच एक अनुत्तरित -यक्ष प्रश्न -उदाहरण आपके सामने ही है -मैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-78631522504181889332010-09-08T04:37:33.234+05:302010-09-08T04:37:33.234+05:30नास्तिक अपना मुसीबत भरा समय किसके सहारे काटें ?apn...नास्तिक अपना मुसीबत भरा समय किसके सहारे काटें ?apnay saharay katta hai.niceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-61510852339514088282010-09-08T03:05:44.065+05:302010-09-08T03:05:44.065+05:30@ आस्तिक मुसीबत का समय प्रार्थना और संतोष में गुजा...@ आस्तिक मुसीबत का समय प्रार्थना और संतोष में गुजार देते हैं , पर नास्तिकों के लिए मुसीबत का समय काटना अधिक मुश्किल होता है ।<br /><br />@ आस्तिक तो अपना समय ईश्वर को आसपास महसूस करते हुए काट लेती हूं , भला नास्तिक अपना मुसीबत भरा समय किसके सहारे काटें ??<br /><br />आप नास्तिक नहीं हैं। फिर आप के वाक्यों में उनके बारे में इतना पुष्ट दावा कैसे और क्यों दिख रहा है?<br /> नास्तिक मनुष्य के भीतर की जीवन शक्ति में विश्वास रखता है किसी स्वर्ग में बैठे सर्वशक्तिमान ईश्वर पर नहीं जो अपने आगे सारे कुकर्म और अनर्थ होते चुपचाप देखता रहता है। हो सकता है आप कहें कि वह जीवन शक्ति ही ईश्वर है। आप की मर्जी। आप का तर्क। <br />लेकिन एक तर्क यह भी तो है जो मनुष्य को ईश्वर का सर्जक मानता है। <br />रही बात अपने चारो ओर फैली सृष्टि की तो किसी वैयक्तिक ईश्वर द्वारा रचित मानने से बेहतर यही लगता है कि यह स्वयं चालित है। कैसे है, क्यों है - इस पर तमाम बहसें हो सकती हैं। पन्ने रंगे जा सकते हैं। लेकिन वैयक्तिक ईश्वर की अवधारणा तो हास्यास्पद लगती ही है। ईश्वर की अवधारणा के विधेयात्मक पक्ष को देखें तो मनुष्य में ही ऐश्वर्य की सम्भावनाएँ निहित हैं। सृष्टि का सिरमौर मनुष्य ही ईश्वर है। ऐसे में 'ईश्वर' की अवधारणा रिडंडेंट लगती है।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-24494219017648101482010-09-08T00:11:15.553+05:302010-09-08T00:11:15.553+05:30संगीता जी, मै नास्तिक तो नही लेकिन कभी मंदिर नही ज...संगीता जी, मै नास्तिक तो नही लेकिन कभी मंदिर नही जाता जाता हुं तो मुझे वहां भगतो की दिखावटी हरकते देख कर बेचेनी सी होती है, ओर मैने आज तक सच मै एक भी सच्चा भगत नही देखा जो सच्चे मन से भगवान की पुजा करता हो, मेरी मां भी बहुत बडी भगत थी, भगवान की लेकिन पुजा करते समय उन्हे सब का ध्यान रखना पडता था, यानि मन तो दुनिया दारी मै ही होता था तो पुजा केसी....<br />आप के लेख से सहमत हुं, धन्य्वादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-40847506352779593582010-09-07T23:49:00.312+05:302010-09-07T23:49:00.312+05:30नास्तिक और आस्तिक में कोई ज़्यादा भेद नहीं है
यद...नास्तिक और आस्तिक में कोई ज़्यादा भेद नहीं है<br />यदि है भी तो प्रकृति को इसके लिए कोई खेद नहीं है<br />रब सब का राखा है.........<br />रब सबका राखा है .......<br /><br />आपके आलेख से भीतर तक कुछ हलचल होती है<br /><br />आभार !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-81191919929464401422010-09-07T23:32:55.748+05:302010-09-07T23:32:55.748+05:30नास्तिक सबसे बड़ा आस्तिक है।नास्तिक सबसे बड़ा आस्तिक है।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-14241030642382920472010-09-07T22:13:02.193+05:302010-09-07T22:13:02.193+05:30मेरे मन में तो इसका एक ही उत्तर सूझ रहा है!
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आरो...मेरे मन में तो इसका एक ही उत्तर सूझ रहा है!<br />--<br />आरोपों और प्रत्यारोपों के साथ नास्तिक अपना मुसीबतभरा समय काटते हैं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-37496405129737052212010-09-07T21:55:14.754+05:302010-09-07T21:55:14.754+05:30निशांत मिश्र जी ,
मनोविज्ञान विज्ञान के अंतर्गत आ...निशांत मिश्र जी ,<br /><br />मनोविज्ञान विज्ञान के अंतर्गत आता है .. और इसका अध्ययन साबित करता है कि हर वक्त मनुष्य मानसिक तौर पर एक सा नहीं रह पाता .. परिस्थितियां इनके सोंचने समझने के ढंग पर प्रभाव डालती है .. आप दावे से ऐसा कैसे कह सकते हैं .. कि मुसीबत भरे समय को काटने के लिए किसी सहारे की आवश्यकता नहीं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-67656152781012230862010-09-07T20:24:55.629+05:302010-09-07T20:24:55.629+05:30सही है विज्ञान के पास भी कहाँ है सारे सवालों का जव...सही है विज्ञान के पास भी कहाँ है सारे सवालों का जवाब ? मै तो उस सर्वशक्तिमान में आस्था रखती हूँ तो आपके सवाल का जवाब तो नही दे सकतीAsha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-89496391762567309732010-09-07T19:54:29.201+05:302010-09-07T19:54:29.201+05:30नास्तिक अपना मुसीबत भरा समय किसके सहारे काटें ??
...नास्तिक अपना मुसीबत भरा समय किसके सहारे काटें ??<br /><br /><br />क्या ज़रूरी है कि मुसीबत भरा समय काटने के लिए कोई सहारा ढूँढा जाए?निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-56856907781625543422010-09-07T19:22:07.850+05:302010-09-07T19:22:07.850+05:30ये तो कोई नास्तिक ही बता सकता है ।ये तो कोई नास्तिक ही बता सकता है ।डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-63623071253573891922010-09-07T18:56:31.012+05:302010-09-07T18:56:31.012+05:30poorna sahamati...
Aapke tark se sada sahmat hota ...poorna sahamati...<br />Aapke tark se sada sahmat hota hoon...VISHWA BHUSHANhttps://www.blogger.com/profile/15826565724003257445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-49276104114969614102010-09-07T17:57:01.633+05:302010-09-07T17:57:01.633+05:30आपसे बिल्कुल सहमत हूं।
किसी चीज़ को बार-बार नकारना...आपसे बिल्कुल सहमत हूं।<br />किसी चीज़ को बार-बार नकारना भी उसे स्वीकारना ही है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com