tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post7897519985768023217..comments2023-10-13T16:53:53.961+05:30Comments on Gatyatmak Jyotish, Your guide to the future.: विज्ञान गल्प कथाएंसंगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-52756923988905528982010-08-01T10:14:05.467+05:302010-08-01T10:14:05.467+05:30स्पष्ट दृष्टि और सार्थक व्याख्या. आस्था और तर...स्पष्ट दृष्टि और सार्थक व्याख्या. आस्था और तर्क के बीच ही तो वार्तालाप संभव होता है.Rahul Singhhttp://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-15022403530323132732010-07-31T16:25:15.494+05:302010-07-31T16:25:15.494+05:30आपने सरल शब्दों में वैदिक साहित्य के आख्यान और पौर...आपने सरल शब्दों में वैदिक साहित्य के आख्यान और पौराणिक मिथकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है...धन्यवाद!डा. अरुणा कपूर.http://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-90766751376377211932010-07-26T17:18:54.706+05:302010-07-26T17:18:54.706+05:30@ यद्यपि अनेक रहस्यमयी कथाओं को आध्यात्मपरक व्...@ यद्यपि अनेक रहस्यमयी कथाओं को आध्यात्मपरक व्याख्या कर उन्हें योग विज्ञान के क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है , फिर भी आवश्यकता है उन कथानकों के गूढ वैज्ञानिक इंगित को समझा जाए , जो काल के चतुर्थ आयाम को रेखांकित करती है और भविष्य से वर्तमान में आए चरित्रों की कथा जान पडती है।<br><br><br>सही कहा है आपने....वैज्ञानिक खोज भी कुछ ऐसे ही आधार ले कर होती हैं..सुमन कुमारhttp://www.blogger.com/profile/13372936491226917291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-47153681730643796042010-07-25T18:01:51.715+05:302010-07-25T18:01:51.715+05:30Thanks for coming on my blog . I shall try my best...Thanks for coming on my blog . I shall try my best .<br> आपसे बहुत अधिक परिचित नहीं होते हुए भी अधिकारपूर्ण निवेदन करता हूँ की मेरे नवोदित ब्लॉग में प्रवेश कर मुझे अपना आशीर्वाद और महत्वपूर्ण मार्गदर्शन जिसकी मुझे महती आवश्यकता है प्रदान कर मेरे ब्लॉग लेखन को सार्थक बनायें......!!बकरे खस्सी करने वाले टोबाटेक सिंहhttp://www.blogger.com/profile/10981597872893653530noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-90669950455220531532010-07-25T16:28:36.397+05:302010-07-25T16:28:36.397+05:30एक अच्छा लेख है हमारे वैदिक साहित्य पर | वैसे मेरा...एक अच्छा लेख है हमारे वैदिक साहित्य पर | वैसे मेरा तो ये मानना है कि, जितना हमारे पौराणिक साहित्य में विज्ञान को उन्नत दिखाया गया है उतना वर्तमान में अभी विज्ञान प्रगति नहीं कर पाया है | न जाने कितनी बार ये दुनिया अपने चरम को प्राप्त करके समाप्त होकर दोबारा बस गयी है | बहुत जल्द इसी विषय पर मेरी भी लिखने की इच्छा है |शंकर फुलाराhttp://www.blogger.com/profile/02092866969143339658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-4946304718293420212010-07-25T13:53:09.162+05:302010-07-25T13:53:09.162+05:30वन्दे मातरम !!आपने मुझे अपने ब्लॉग को पढने का अवसर...वन्दे मातरम !!<br>आपने मुझे अपने ब्लॉग को पढने का अवसर प्रदान किया सादर आभार, इस ब्लॉग को पढने और आपके विचारों और शोध को जानने के बाद मै आपसे प्रभावित हूँ और अपनी शुभकामनायें आपको प्रेषित करता हूँ कृपया स्वीकार करें!! <br> मै आपसे बहुत अधिक परिचित नहीं होते हुए भी अधिकारपूर्ण निवेदन करता हूँ की मेरे नवोदित ब्लॉग में प्रवेश कर मुझे अपना आशीर्वाद और महत्वपूर्ण मार्गदर्शन जिसकी मुझे महती आवश्यकता है प्रदान कर मेरे ब्लॉग लेखन को सार्थक बनायें......!!भारतीय की कलम से....http://www.blogger.com/profile/05587414960225014580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-75927019637782248722010-07-24T11:06:31.715+05:302010-07-24T11:06:31.715+05:30बहुत-बहुत धन्यवाद !!बहुत-बहुत धन्यवाद !!हास्यफुहारhttp://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-39713463455915574162010-07-24T09:48:08.004+05:302010-07-24T09:48:08.004+05:30रशमी रविजा ने जो लिखा है,वोही में कहना चाहता था ।रशमी रविजा ने जो लिखा है,वोही में कहना चाहता<br> था ।vinayhttp://www.blogger.com/profile/14896278759769158828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-78447317235202699422010-07-24T00:39:14.372+05:302010-07-24T00:39:14.372+05:30सही कहा है आपने....वैज्ञानिक खोज भी कुछ ऐसे ही आधा...सही कहा है आपने....वैज्ञानिक खोज भी कुछ ऐसे ही आधार ले कर होती हैं...संगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-80857349179432547932010-07-23T21:33:42.681+05:302010-07-23T21:33:42.681+05:30वेदों में कथा या इतिहास का भ्रम होता है लेकिन है न...वेदों में कथा या इतिहास का भ्रम होता है लेकिन है नहीं।<br>स्मृतियों,उपनिषदों एवं पुराणों में कथाएं हैं,लेकिन उनका कुछ न कुछ तो आधार है ही। <br><br>अच्छी पोस्ट<br><br>आभारललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-52993389145094153272010-07-23T21:16:46.920+05:302010-07-23T21:16:46.920+05:30हाँ हम मिथकों को समकालीन विज्ञान कथा कह सकते हैं !...हाँ हम मिथकों को समकालीन विज्ञान कथा कह सकते हैं !Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-28818095110120590082010-07-23T21:01:19.098+05:302010-07-23T21:01:19.098+05:30विंसेट एच गैडीज ने अपनी विज्ञान गल्प की परिभाषा म...विंसेट एच गैडीज ने अपनी विज्ञान गल्प की परिभाषा में कहा है कि विज्ञान गल्व उन सपनों की अभिव्यक्ति है , जो बाद में थोडी संशोधित और संवर्धित होकर वैज्ञानिक उन्नति की वास्तविकता बन जाती हैं। "<br>इनकी कही बात शत प्रतिशत सही लगती है.<br>बहुत ही सार्थक आलेख.rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-74120344486571210262010-07-23T19:15:14.948+05:302010-07-23T19:15:14.948+05:30Saarthak chintan aur lekhan ke lekhan ke liye aabh...Saarthak chintan aur lekhan ke lekhan ke liye aabharKAVITAhttp://www.blogger.com/profile/12727771417982430321noreply@blogger.com