सुख का अहसास

आज सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में अच्‍छी पढाई न होने से समाज के मध्‍यम वर्ग की जीवनशैली पर बहुत ही बुरा असर पड रहा है। चार वर्ष के अपने बच्‍चे का नामांकण किसी अच्‍छे विद्यालय में लिखाने के लिए हम परेशान रहते हैं , क्‍यू…

अपने जन्मदिन पर कुछ शब्द

अपने जन्मदिन पर कुछ शब्द चाहे सुखभरी हों या दुखभरी , बचपन की यादें कभी हमारा पीछा नहीं छोडती। खासकर जब भी कोई विशेष मौका आता है , पुरानी यादें अवश्‍य ताजी हो जाती हैं। जिस संयुक्‍त परिवार में मेरा जन्‍म हुआ, उसमें उस समय दादा ज…

ये रही मेरी 250 वीं पोस्‍ट

यदि आप अभी मेरी प्रोफाइल खोलकर देखे , तो आपको 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' में कुल 279 पोस्‍ट दिखाई पडेंगे , पर सही समय या संपादन के अभाव में सारी पोस्‍टें प्राकशित नहीं की जा सकी है और आज मै इसमें 250वां आलेख ही पोस्‍ट कर रही…

आज टेलीविजन का सार्थक उपयोग क्‍यूं नहीं हो रहा है !!

जब मैं बालपन में थी , रेडियो पर गाने बजते देखकर आश्‍चर्यित होती थी । फिर कुछ दिनों में इस बात पर ध्‍यान गया कि रेडियो में लोग अपनी अपनी रूचि के अनुसार गाने सुनते हैं। पहले तो मैं समझती थी कि हमारा रेडियो पुराना है और पडोस के भ…

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