कैसा हो कलियुग का धर्म ??

प्रत्‍येक माता पिता अपने बच्‍चों को शिक्षा देते हैं , ताकि उसके व्‍यक्तित्‍व का उत्‍तम विकास हो सके और किसी भी गडबड से गडबड परिस्थिति में वह खुद को संभाल सके। पूरे समाज के बच्‍चों के समुचित व्‍यक्तित्‍व निर्माण के लिए जो अच्‍छ…

विज्ञान का वास्‍तविक तौर पर प्रचार प्रसार काफी मुश्किल लगता है !!

भारतवर्ष में फैले अंधविश्‍वास को देखते हुए बहुत सारे लोगों , बहुत सारी संस्‍थाओं का व्‍यक्तिगत प्रयास अंधविश्‍वास को दूर करते हुए विज्ञान का प्रचार प्रसार करना हो गया है। मैं उनके इस प्रयास की सराहना करती हूं , पर जन जन तक विज्…

छोटी छोटी बात में भी मौलिक सोंच

पिछले दिनों सहारा इंडिया की विभिन्‍न प्रकार के बचत स्‍कीमों के लिए काम कर रहे एक एजेंट के बारे में जानकारी मिली। रोजी रोटी की समस्‍या से निजात पाने के लिए वह इसका एजेंट तो बन गया , पर यहां भी राह आसान न थी। पांच दस रूपए व्‍यर्थ…

क्‍या सचमुच हमारे सोने के चेन में उस व्‍यक्ति का हिस्‍सा था ??

कभी कभी जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं अवश्‍य घट जाती हैं , जिसे संयोग या दुर्योग का पर्याय कहते हुए हम भले ही उपेक्षित छोड दें , पर हमारे मन मस्तिष्‍क को झकझोर ही देती है। आध्‍यात्‍म को मानने वाले इस बात को समझ सकते हैं कि निश्चित पर…

ज़्यादा पोस्ट लोड करें
कोई परिणाम नहीं मिला