यदि आप भविष्‍य को अनिश्चित देखना चाहते हैं .....

ज्‍योतिष के पक्ष्‍ा और विपक्ष में तर्कों की कमी नहीं , पर किसी का यह तर्क देना कि   हम भविष्‍य को अनिश्चित ही देखना चाहते हैं , इसलिए ज्‍योतिष के अध्‍ययन की कोई आवश्‍यकता नहीं , सबसे बेकार का तर्क है। यदि आप भविष्‍य को अनिश्चि…

विज्ञान गल्‍प कथाएं

2004 में 19 फरवरी से 21 फरवरी के मध्‍य राष्‍ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला में तृतीय अखिल भारतीय विज्ञान सममेलन हुआ था , जिसमें परंपरागत ज्ञान से संबंधित विषय को भी स्‍वीकार किया गया था। उस सम्‍मेलन के अवसर पर जो स्‍मारिका प्रकाशित हुई थ…

दक्षिण: कुक्षौ पुत्रम् जीजनत् ...

कल दिब्‍या श्रीवास्‍तव जी के लेख मनचाही संतान कैसे प्राप्‍त करें  के पोस्‍ट होने के बाद से ही ब्‍लॉग जगत में हमारे देश के परंपरागत तकनीकों के विरोध के स्‍वर मुखरित हो रहे हैं। पोस्‍ट के विवादास्‍पद होने का कारण यह विषय नहीं , व…

एतै में दोनो गए , पाहुन और गृहस्‍थ !!

कल मैने एक लोकोक्ति पोस्‍ट की थी और पाठकों से उसका अर्थ पूछा था .. आत न आर्द्रा जो करे , जात न जोडे हस्‍त। एतै में दोनो गए , पाहुन और गृहस्‍थ !! बहुत सारे रोचक जबाब आए ... पाठकों का बहुत आभार ... आप भी देखिए उनके जबा…

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