बच्‍चों के पालन पोषण की परंपरागत पद्धतियां ही अधिक अच्‍छी थी !!

बचपन की गल्तियों में मार पडने की बात तो लोग भूल चुके होंगे , आज के बच्‍चों को डांट फटकार भी नहीं की जाती। माता पिता या अन्‍य बडे किसी काम के लिए मना कर दिया करते हैं , तो बच्‍चों का नाराज होना स्‍वाभाविक है। पर यदि शुरूआती दौर …

किसी अन्‍य विधा में कहां ??

पिछले आलेख में राज भाटिया जी की टिप्‍पणी मिली । उन्‍होने पूछा कि एक बात पुछनी थी कि कुंडली के क्या लाभ ओर क्या हानियां हैं।  इस बारे जरुर लिखे, हमारी बीबी कहती है कि बच्चो की कुंडली बनवा ले ? तो मै कहता हूं कि क्या लाभ ??  इस …

ऐसे संयोग सबके जीवन में आते है क्‍या ??

प्रकृति में जो घटनाएं निरंतर नियमित तौर पर देखी जाती है , उसमें तो हम सहज विश्‍वास कर लेते हैं। चूकि घटनाएं किसी न किसी नियम के हिसाब से होती हैं , इसलिए इन नियमों को ढूंढ पाने की दिशा में हमं सफलता भी मिलती जाती है और इसी क…

धर्म का असली लक्ष्‍य मानव धर्म की रक्षा होनी चाहिए !!

indian religion and culture ब्‍लॉग जगत में सबसे अधिक बहस वाला मुद्दा हमारे धर्मग्रंथ बने हुए हैं। इनके पक्ष और विपक्ष में हमेशा तर्कों का खेल चलता रहता है। ताज्‍जुब तो इस बात का है कि न तो किसी के तर्क काटने योग्‍य होते , और…

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