नगों वाला सेट ...(कहानी)

hamari kahani बाजार जाने के लिए ज्‍योंहि मैं तैयार होकर बाहर निकली, बारिश शुरू हो चुकी थी। लौटकर बरामदे में एक कुर्सी डालकर एक पत्रिका हाथ में लेकर बारिश थमने का इंतजार करने लगी। बाजार के कई काम थे, बैंक से पैसे निकालने थे, …

नसीब अपना अपना .......

समाज की विसंगतियों पर आधारित यह पोस्‍ट पूर्व में नुक्‍कड मे भी प्रकाशित हो चुकी है .. पर अपनी रचनाओं को एक स्‍थान पर रखने के क्रम में इसे पुन: यहां प्रकाशित कर रही हूं .... प्रथम दृश्‍य ‘अब तबियत कैसी है तुम्‍हारी’ आफिस से लौटते…

अतिवृद्धों की स्थिति बिगडेगी

‘खगोल शास्‍त्र’ के अंतर्गत ग्रहों के अध्‍ययन में हमेशा ही कुछ दिक्‍कतें आती रही हैं। कुछ गणनाओ के आधार पर यूरेनस औरनेप्च्यून की गति में हमेशा एक विचलन का कारण ढूंढते हुए वैज्ञानिकों ने एक ‘क्ष’ ग्रह (Planet X) की भविष्यवाणी की , …

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