कुछ दिन पूर्व एक दंपत्ति से मिलना हुआ , अपनी पुत्री के विवाह के प्रयास में काफी दिनों से जहां तहां चक्कर लगा रहे हैं , पर कहीं भी सफलता नहीं मिल रही है। उनको शक है कि वो जहां भी बातचीत करते हैं और बात आगे बढने को होती है , उन…
hamari kahani बाजार जाने के लिए ज्योंहि मैं तैयार होकर बाहर निकली, बारिश शुरू हो चुकी थी। लौटकर बरामदे में एक कुर्सी डालकर एक पत्रिका हाथ में लेकर बारिश थमने का इंतजार करने लगी। बाजार के कई काम थे, बैंक से पैसे निकालने थे, …
समाज की विसंगतियों पर आधारित यह पोस्ट पूर्व में नुक्कड मे भी प्रकाशित हो चुकी है .. पर अपनी रचनाओं को एक स्थान पर रखने के क्रम में इसे पुन: यहां प्रकाशित कर रही हूं .... प्रथम दृश्य ‘अब तबियत कैसी है तुम्हारी’ आफिस से लौटते…