google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Gatyatmak Jyotish, Your guide to the future.
अप्रैल, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दूध का दूध पानी का पानी !!

आज  जाकिर अली रजनीश जी एक खबर लेकर आए हैं  कि इंडिया टी वी के एक कार्यक्रम में ज्‍योतिष को बकवास सिद्ध कर दिया गया। यह जानते हुए कि एक ही समय में अस्‍पताल में लडका या लडकी कुछ भी जन्‍म ले सकता है , जन्‍मकुंडली से यह बताना संभव…

65 लाख रूपए बचे रहे

चार वर्ष पूर्व एक व्‍यवसायी को कैंसर हो गया , उन्‍होने व्‍यवसाय में से एक करोड रूपए निकालकर अलग रखे। इस एक करोड रूपयों को निकाल देने से उनके व्‍यवसाय में रत्‍तीभर का भी फर्क न पडनेवाला था , इसलिए पूरी निश्चिंति से इलाज करवाते र…

हमारी प्रार्थना का वास्‍तविक स्‍वरूप क्‍या हो ??

जब भी हमें किसी ऐसे वस्‍तु की आवश्‍यकता होती है , जिसे हम खुद नहीं प्राप्‍त कर सकते , तो इसके लिए समर्थ व्‍यक्ति से निवेदन करते हैं। निवेदन किए जाते वक्‍त हमें अपने मन का अहंकार समाप्‍त करना पडता है । यदि हम ऐसा न करें और अपने …

Jhoot nahi bolna sach kehna

Jhoot nahi bolna sach कहना झूठ के पांव होते ही नहीं हैं , कभी कहीं भी पहुंच सकता है। पर बिना पांव के ही भला वह , फासला क्‍या तय कर सकता है ? भटकते भटकते , भागते भागते , उसे अब तक क्‍या है मिला ? मंजिल मिलनी तो दूर रही , द…

मान्‍यताएं कब अंधविश्‍वास बन जाती हैं ??

सुपाच्‍य होने के कारण लोग यात्रा में दही खाकर निकला करते थे , माना जाने लगा कि दही की यात्रा अच्‍छी होती है। देर से पचने के कारण यात्रा में कटहल की सब्‍जी का बहिष्‍कार किया जाता था , माना जाने लगा कि कटहल की यात्रा खराब होती …

आवश्‍यक मोह ममता की अति

इस विविधता भरी दुनिया में प्रत्‍येक जीव जंतु के विकास के लिए प्रकृति की व्‍यवस्‍था बहुत सटीक है। प्राकृतिक व्‍यवस्‍था के हम जितने ही निकट होते हैं , हर चीज में संतुलन बना होता है। प्रकृति से हमारी दूरी जैसे ही बढने लगती है , सा…

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