दिसंबर, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
ब्लॉग जगत में आने के बाद महीने में 20 - 25 पोस्ट ठेल देने वाली मैं अचानक कुछ दिनों से कुछ भी नहीं लिख पा रही हूं। 2011 में होनेवाली इस प्रकार की व्यस्तता का कुछ अंदाजा तो मझे पहले से था , पर एकाएक लिखना इतना कम हो जाएगा , ऐ…
मेरे द्वारा रोहतक के तिलयार झील की यात्रा पर एक विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार न सिर्फ ब्लॉगर बंधुओं को , वरन् ज्योतिषीय रूचि के कारण मेरे ब्लॉग को पढने वाले अन्य पाठकों और मित्रों को भी है। जब एक फोन पर इस रिपोर्ट का इंतजार कर…
हममें से हर कोई प्रकृति के अभिन्न अंग हैं और संपूर्ण पारिस्थितिक संतुलन की आवश्यकताओं के अनुरूप हमारा अपना स्वभाव है। इसलिए लाख चाहते हुए भी हम अपने स्वभाव को नहीं बदल पाते। प्रकृति हर क्षेत्र में और हर मौसम में हमारी आवश…