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पृथ्वी की निरंतर गतिशीलता के कारण प्रत्येक दो घंटे में विभिन्न लग्नों का उदय है। इसकी दैनिक गति के कारण दिन और रात का अस्तित्व है, वार्षिक गति के कारण इसके ऋतु परिवर्तन का चक्र। गति के कारण ही चंद्रमा का बढता घटता स्वरूप…