tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post698271087916180981..comments2023-10-13T16:53:53.961+05:30Comments on Gatyatmak Jyotish, Your guide to the future.: विज्ञान को ईश्वर कैसे कहा जा सकता है ??संगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-76444074356187845012010-09-06T17:16:53.963+05:302010-09-06T17:16:53.963+05:30पाश्चात्य सभ्यता को आत्मा और परमात्मा के अर्थ समझन...पाश्चात्य सभ्यता को आत्मा और परमात्मा के अर्थ समझने में ही समय लगेगा तो इन्हें ईश्वर कब समझ में आएगा, ये तो ईश्वर ही जाने :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-59576490032062191772010-09-06T16:19:21.207+05:302010-09-06T16:19:21.207+05:30sabko padhkar accha laga .bahut jaankari mili.
sab...sabko padhkar accha laga .bahut jaankari mili.<br />sabka dhanywaadकिरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-57527259825647474222010-09-06T15:22:01.544+05:302010-09-06T15:22:01.544+05:30सटीक ब्याख्या की है ....सटीक ब्याख्या की है ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-32051522555913446742010-09-06T13:09:32.350+05:302010-09-06T13:09:32.350+05:30"विज्ञान को ईश्वर कभी नहीं कहा जा सकता है क्..."विज्ञान को ईश्वर कभी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि विज्ञान ईश्वर की देन है!"<br />अक्षरक्ष: सही …………………और आपने बेहद सुलझा हुआ आलेख लिखा है आपसे पूर्णत: सहमत हूँ।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-70486888096704285472010-09-06T11:39:24.275+05:302010-09-06T11:39:24.275+05:30अंधविश्वास और विश्वास में फर्क क्या है , ये सब शब्...अंधविश्वास और विश्वास में फर्क क्या है , ये सब शब्दों का जाल है ।डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-85905648921312205532010-09-06T11:38:01.144+05:302010-09-06T11:38:01.144+05:30"विज्ञान को ईश्वर कैसे कहा जा सकता है ??&quo..."विज्ञान को ईश्वर कैसे कहा जा सकता है ??" बिलकुल कहा जा सकता है , क्योंकि कण कण में भगवान तो, अलग कैसे विज्ञान। विज्ञान थोड़ा सा अंश पा कर इतना प्रसन्न होता है की eureka eureka चिल्लाने लगता है , सम्पूर्ण मिल गया तो विज्ञान कहाँ बचेगा ।डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-50996813893159583352010-09-06T07:38:07.737+05:302010-09-06T07:38:07.737+05:30विज्ञान तो प्रकृति को समझने का तरीका है।विज्ञान तो प्रकृति को समझने का तरीका है।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-1850110953346069062010-09-06T02:04:16.362+05:302010-09-06T02:04:16.362+05:30अपनी अपनी सोच है ।अपनी अपनी सोच है ।विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-3395603384747593202010-09-05T23:50:48.192+05:302010-09-05T23:50:48.192+05:30आपके विचारों से सहमत।आपके विचारों से सहमत।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-9010716321237068742010-09-05T23:17:16.786+05:302010-09-05T23:17:16.786+05:30.
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आदरणीय संगीता जी,
"विज्ञान भावना में न....<br />.<br />.<br />आदरणीय संगीता जी,<br /><br /><i>"विज्ञान भावना में नहीं बहता , कार्य और कारण के मध्य एक स्पष्ट संबंध को देखते हुए सत्य की ओर बढता है , इसलिए इस रास्ते में अंधविश्वास का विरोध है।<br /><br />प्रकृति के सारे नियमों को ढूंढकर ही ईश्वर तक पहुंचा जा सकता है , पर प्रकृति के सारे रहस्यों से पर्दा उठाने में विज्ञान को युगों लग जाएंगे।"<br /><br />Instant निर्वाण का जमाना तो यह है ही... जब तक सही-सही पता चल नहीं जाता... तब तक भावना मे बहने में हर्ज ही क्या है... तब तक के लिये जय-जय अंधविश्वास !!!</i> <br /><br /><a href="http://praveenshah.blogspot.com/2010/09/blog-post_03.html" rel="nofollow">सुनिये मेरी भी....<br />देखो कौन कह रहा है आज कि, किसी 'ऊपर वाले' ने नहीं बनाई यह दुनिया...यह तो खुद ही बनती और खत्म होती रहती है !!!</a><br /><br /><br />आभार!<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-934823869746977782010-09-05T22:05:13.487+05:302010-09-05T22:05:13.487+05:30"विज्ञान को ईश्वर कभी नहीं कहा जा सकता है क्..."विज्ञान को ईश्वर कभी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि विज्ञान ईश्वर की देन है!"डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-41979521621627185482010-09-05T21:01:40.708+05:302010-09-05T21:01:40.708+05:30सहमत... कई उद्यम ऐसे होते हैं आज भी जिन्हें समझने ...सहमत... कई उद्यम ऐसे होते हैं आज भी जिन्हें समझने में विज्ञान सक्षम नहीं है।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-69794026017820740582010-09-05T20:57:23.195+05:302010-09-05T20:57:23.195+05:30-ईश्वर की अवधारणा को समझने के लिए एक व्यपाक मन और ...-ईश्वर की अवधारणा को समझने के लिए एक व्यपाक मन और बुद्धि चाहिए ....यह संकीर्ण मन से समझ में आने वाला नहीं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-63656406614935402252010-09-05T20:03:02.020+05:302010-09-05T20:03:02.020+05:30मानो तो मैं गंगा मां हूँ , ना मानो तो बहता पानी ।
...मानो तो मैं गंगा मां हूँ , ना मानो तो बहता पानी ।<br />संगीता जी , इश्वर के होने का कोई प्रमाण तो नहीं । लेकिन एक अदृश्य , सर्वव्यापी , सर्वशक्तिमान शक्ति में विश्वास रखने से जीवन को एक दिशा अवश्य मिलती है । अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है ।<br />स्टीफेन हॉकिन्स एक वैज्ञानिक है । उनका नजरिया अलग है । कितना सही हैं , कहना मुश्किल है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-41448810752686769342010-09-05T19:57:01.396+05:302010-09-05T19:57:01.396+05:30उत्तम प्रस्तुतिउत्तम प्रस्तुतिAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-31417549428443290182010-09-05T19:17:51.808+05:302010-09-05T19:17:51.808+05:30प्रकृति के सारे रहस्यों से पर्दा उठाने में विज्ञा...प्रकृति के सारे रहस्यों से पर्दा उठाने में विज्ञान को युगों युगों लग जाएंगे । विज्ञान तो धर्म की तरह ही उसके क्रियाकलापों को समझने का एक साधन मात्र है , इसे ईश्वर कैसे कहा जा सकता है ?? <br />बिलकुल सही कह रही हैं आप ...बहुत सटीक सरगार्वित प्रस्तुति. ..आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com