tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post710048398944666291..comments2023-10-13T16:53:53.961+05:30Comments on Gatyatmak Jyotish, Your guide to the future.: काश हम बच्चे ही होते .. धर्म के नाम पर तो न लडते !!संगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-39482513488659363352010-08-29T14:58:06.536+05:302010-08-29T14:58:06.536+05:30संगीता जी
अगर कोई चीज लडवाती है तो वो है "सो...संगीता जी <br />अगर कोई चीज लडवाती है तो वो है "सोच" | मासूम बचे सोचते नहीं न ही सोच पते है . सिर्फ महसूस करते है आप भी सोचना छोड़े और सिर्फ महसूस करे , पूरा अस्तित्व आपको बचपन की आबो हवा से रूबरू करा देगा |<br /><br />इंसानी दिल ऐसा है की जहा है वहा पछताता है और जहा नहीं है वहा के सपने संजोता है की काश वहा होता |<br />आप का स्पष्ट और सौहार्द पूर्ण लेखन बहोत पसंद आया |Yuvrajhttps://www.blogger.com/profile/05474163322211583024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-22745846435412255982010-08-29T14:57:20.187+05:302010-08-29T14:57:20.187+05:30संगीता जी
बचपन कौन नहीं चाहता एक बचपन ही है जहा ...संगीता जी <br /><br />बचपन कौन नहीं चाहता एक बचपन ही है जहा दुनिया की कोई हद कोई रुकावट नहीं होती जिससे बच्चे की भावनाओ को रोका जा सके पर अपना समाज कहे या सीधे तौर पे हर किसी के अभिभावक ही इन धर्म कर्म जैसी पहेलियो में उनका बचपन उलझा देते है और इन कर्मकांडो से न ही आज तक मानवता सुखी हुई है न ही वो मानव जिसने इसे करने का बिज बचपन में ही फूंक दिया | पूजा , अर्चना तो इस जीवन बेहद सौभाग्य पूर्ण समय है पर इस दुनिया ने तो भगवन को भी बाँट दिया | जिसे प्रार्थना करनी हो उसे न मंदिर न मस्जिद उसे अगर कुछ चाहिए तो बस सम्पूर्ण समर्पण भाव ....<br /><br />पर यहाँ पर तो हर धर्म के मंदिर है और जो मंदिर हिन्दू का हो , मुस्लिम का हो वह भगवान् का नहीं हो सकता जो इन सीमओं में बंध जाये |<br /><br />संगीता जी बुजुर्ग लोग कहते है की बचपन के दिन काफी सुन्दर थे बड़े सुहावने थे | इस बात का क्या अर्थ होता है ?<br /><br />आसान शब्दों में "जिंदगी अधोगति बन गई " बचपन में ख़ुशी की सहरावत हुई और जवानी आई और फिर जीवन की साँझ .. तो जिंदगी धीरे धीरे दुःख पूर्ण होनी लगी | <br /><br />मै इन बातों को निराशा वादी मानता हु | जिस भगवन की हम पूजा कर रहे है उन्ही महोदय ने सुन्दर सी जवानी दी है और जीवन को पूर्णता देने वाले बुढ़ापे भी देंगे | शुक्रिया अदा करूँगा की उन्होंने हमें इस जीवन में शुरुवात दी पूर्णता देंगे और सम्पूर्णता भी , <br /><br />अगर कोई चीज लडवाती है तो वो है "सोच" | मासूम बचे सोचते नहीं न ही सोच पते है . सिर्फ महसूस करते है आप भी सोचना छोड़े और सिर्फ महसूस करे , पूरा अस्तित्व आपको बचपन की आबो हवा से रूबरू करा देगा |<br /><br />इंसानी दिल ऐसा है की जहा है वहा पछताता है और जहा नहीं है वहा के सपने संजोता है की काश वहा होता |<br /><br />आशा है आप मेरा आशय यथावत स्वीकार करेंगी | <br /><br />आप का स्पष्ट और सौहार्द पूर्ण लेखन बहोत पसंद आया |Yuvrajhttps://www.blogger.com/profile/05474163322211583024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-31185488484022541882010-08-29T14:57:07.177+05:302010-08-29T14:57:07.177+05:30संगीता जी
बचपन कौन नहीं चाहता एक बचपन ही है जहा ...संगीता जी <br /><br />बचपन कौन नहीं चाहता एक बचपन ही है जहा दुनिया की कोई हद कोई रुकावट नहीं होती जिससे बच्चे की भावनाओ को रोका जा सके पर अपना समाज कहे या सीधे तौर पे हर किसी के अभिभावक ही इन धर्म कर्म जैसी पहेलियो में उनका बचपन उलझा देते है और इन कर्मकांडो से न ही आज तक मानवता सुखी हुई है न ही वो मानव जिसने इसे करने का बिज बचपन में ही फूंक दिया | पूजा , अर्चना तो इस जीवन बेहद सौभाग्य पूर्ण समय है पर इस दुनिया ने तो भगवन को भी बाँट दिया | जिसे प्रार्थना करनी हो उसे न मंदिर न मस्जिद उसे अगर कुछ चाहिए तो बस सम्पूर्ण समर्पण भाव ....<br /><br />पर यहाँ पर तो हर धर्म के मंदिर है और जो मंदिर हिन्दू का हो , मुस्लिम का हो वह भगवान् का नहीं हो सकता जो इन सीमओं में बंध जाये |<br /><br />संगीता जी बुजुर्ग लोग कहते है की बचपन के दिन काफी सुन्दर थे बड़े सुहावने थे | इस बात का क्या अर्थ होता है ?<br /><br />आसान शब्दों में "जिंदगी अधोगति बन गई " बचपन में ख़ुशी की सहरावत हुई और जवानी आई और फिर जीवन की साँझ .. तो जिंदगी धीरे धीरे दुःख पूर्ण होनी लगी | <br /><br />मै इन बातों को निराशा वादी मानता हु | जिस भगवन की हम पूजा कर रहे है उन्ही महोदय ने सुन्दर सी जवानी दी है और जीवन को पूर्णता देने वाले बुढ़ापे भी देंगे | शुक्रिया अदा करूँगा की उन्होंने हमें इस जीवन में शुरुवात दी पूर्णता देंगे और सम्पूर्णता भी , <br /><br />अगर कोई चीज लडवाती है तो वो है "सोच" | मासूम बचे सोचते नहीं न ही सोच पते है . सिर्फ महसूस करते है आप भी सोचना छोड़े और सिर्फ महसूस करे , पूरा अस्तित्व आपको बचपन की आबो हवा से रूबरू करा देगा |<br /><br />इंसानी दिल ऐसा है की जहा है वहा पछताता है और जहा नहीं है वहा के सपने संजोता है की काश वहा होता |<br /><br />आशा है आप मेरा आशय यथावत स्वीकार करेंगी | <br /><br />आप का स्पष्ट और सौहार्द पूर्ण लेखन बहोत पसंद आया |Yuvrajhttps://www.blogger.com/profile/05474163322211583024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-68299132969379908882010-08-28T22:50:19.103+05:302010-08-28T22:50:19.103+05:30हम भी तो यही कह रहे हैं हैं कि काश हम भी बच्चे ही...हम भी तो यही कह रहे हैं हैं कि काश हम भी बच्चे ही होते !!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-82636678770331380632010-08-28T16:49:43.811+05:302010-08-28T16:49:43.811+05:30बकवास...
आज के बच्चे सबसे ज्यादा धर्मान्ध हैं...
...बकवास...<br />आज के बच्चे सबसे ज्यादा धर्मान्ध हैं... <br />फुटबाल खेलते देख रहा था पिछले हफ्ते... कितनी गालियां बकी उन्होंने एक दूसरे को धर्म के नाम परAadarsh Rathorehttps://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-28642115722104845662010-08-28T16:39:43.840+05:302010-08-28T16:39:43.840+05:30bilkul sahi sandesh aap ne diya hai is blog ke jar...bilkul sahi sandesh aap ne diya hai is blog ke jarire...........bahoot bahoot aabharउपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-78550006635366524892010-08-28T15:58:36.319+05:302010-08-28T15:58:36.319+05:30आज के बच्चे तो मज़हब और धर्म के बीच का अंतर समझने ...आज के बच्चे तो मज़हब और धर्म के बीच का अंतर समझने लग गए हैं जो सारे समाज के लिए एक खतरे की घंटी है॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-3336832848964370342010-08-28T15:45:10.256+05:302010-08-28T15:45:10.256+05:30बहुत अच्छे विचार ।बहुत अच्छे विचार ।Vinashaay sharmahttps://www.blogger.com/profile/14896278759769158828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-56023383616175555602010-08-28T08:51:35.791+05:302010-08-28T08:51:35.791+05:30काश की ये हो सकता और हम बच्चे ही होते....
बहुत सु...काश की ये हो सकता और हम बच्चे ही होते.... <br />बहुत सुन्दर विचार....... आभार डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-64702991502048392012010-08-27T23:19:53.308+05:302010-08-27T23:19:53.308+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति। हम यहां ६०% लोग आपस मै मिलते...बहुत अच्छी प्रस्तुति। हम यहां ६०% लोग आपस मै मिलते है एक दुसरे के त्योहारो को भी मनाते है पुजा पाठ तक मै जाते है.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-42637016695402343592010-08-27T22:21:55.883+05:302010-08-27T22:21:55.883+05:30Majhab kee deeware bade hee khadee karte hai Sange...Majhab kee deeware bade hee khadee karte hai Sangeeta ji, prerak sansmaran.पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-90147614349392787612010-08-27T21:31:24.618+05:302010-08-27T21:31:24.618+05:30आपके विचार बहुत सुन्दर लगे... काश ये हो सकता और स...आपके विचार बहुत सुन्दर लगे... काश ये हो सकता और सभी इस विचारधारा के हों .... आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-65647629625635939462010-08-27T19:15:59.033+05:302010-08-27T19:15:59.033+05:30सच में काश ............हम बच्चे ही होते.... बाहर ह...सच में काश ............हम बच्चे ही होते.... बाहर होने की वजह से बाकी पोस्टों पर नहीं आ पाया.... अभी सब पोस्ट देखता हूँ....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3107403587472938440.post-51498875494406610282010-08-27T18:38:17.383+05:302010-08-27T18:38:17.383+05:30काश की ये हो सकता ???????काश की ये हो सकता ???????Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.com