जब आप अपने घर का ताला लगाकर कहीं बाहर जाते हैं , थोडी ही देर में आपको इस बात का संशय होता है कि आपने दरवाजे का ताला अच्छी तरह बंद नहीं किया है। थोडी दूर जाने के बाद भी आप इस बात के प्रति आश्वस्त होने के लिए घर लौटते हैं और ज…
चार वर्ष पहले जब हिन्दी ब्लाग जगत में गिने चुने लोग ही थे , उस समय यहां मैं कैसे हो सकती थी। सचमुच आप सभी पाठकों को यह जानकर ताज्जुब होगा , पर यह बिल्कुल सत्य है कि हिन्दी ब्लाग जगत में मैने ब्लाग स्पाट पर अपनी पहली प्…
भूत प्रेत की कहानी संभवत: यह घटना 1981 के आस पास की है। कलकत्ते में रहनेवाले हमारे एक दूर के रिश्तेदार पहली बार हमारे गांव के अपने एक नजदीकी रिश्तेदार के घर पर आए। पर वहां उनका मन नहीं लगता था , रिश्तेदार अपने व्यवसाय …
प्राचीन काल से ही अपने धन-संपत्ति , गुण-ज्ञान और बुद्धि-विवेक के बेहतर उपयोग के कारण कुछ चुने हुए लोगों के पास ही संसाधनों की उपस्थिति को स्वीकार करना हमारी विवशता रही है। लेकिन सामाजिक तौर पर बेहतर व्यवस्था उसे कही जा सकती …