भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही पिता का विशेष महत्व है। वाल्मीकि(रामायण, अयोध्या काण्ड) में कहा गया है ... न तो धर्मचरणं किंचिदस्ति महत्तरम्। यथा पितरि शुश्रूषा तस्य वा वचनक्रिपा॥ (यानि पिता की सेवा अथवा उनकी आज्…
भिन्न भिन्न वर्षों में भी किसी खास तिथि को जन्मलेने वालों की कुंडली में सूर्य की स्थिति बिल्कुल उसी स्थान पर होती है। इस एकमात्र सूर्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ग्रंथों में जातक के फलाफल के बारे में बहुत कुछ लिखा मि…
आज सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में अच्छी पढाई न होने से समाज के मध्यम वर्ग की जीवनशैली पर बहुत ही बुरा असर पड रहा है। चार वर्ष के अपने बच्चे का नामांकण किसी अच्छे विद्यालय में लिखाने के लिए हम परेशान रहते हैं , क्यू…
अपने जन्मदिन पर कुछ शब्द चाहे सुखभरी हों या दुखभरी , बचपन की यादें कभी हमारा पीछा नहीं छोडती। खासकर जब भी कोई विशेष मौका आता है , पुरानी यादें अवश्य ताजी हो जाती हैं। जिस संयुक्त परिवार में मेरा जन्म हुआ, उसमें उस समय दादा ज…