हमारे समाज में ब्लागिंग के बारे में बहुत गलतफहमियां हैं , लोग ऐसा मानते हैं कि हमलोग व्यर्थ में अपना समय जाया करते हैं, पर मुझे ऐसा नहीं महसूस होता। आज हिन्दी ब्लॉगिंग में किसी क्षेत्र के विशेषज्ञों की संख्या नाममात्र की ह…
दो वर्ष पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर हिन्दी ब्लॉग जगत की झांकी निकली थी , उसकी रिपोर्ट मैने बनायी थी ,जो आज आप नए पाठकों के लिए पुन: प्रेषित कर रही हूं .......... इंडिया गेट न्यूज से अजय सेतियाजी की खबर है कि…
विवाह के बाद अपने को वैज्ञानिक दृष्टिकोण का माननेवाले मेरे ससुराल वाले बात बात पर मेरे ज्योतिषिय ज्ञान की परीक्षा लेते और मेरे पोथी पत्रे तक फेक डालने की धमकी दिया करते थे। उस वक्त मैं उनपर हंस ही सकती थी , क्यूंकि जहां तक व…
अति प्राचीन काल में कंद मूल खाते , गुफाओं में रहते ,वृक्ष की छाल लपेटते हुए लोगों को धीरे धीरे समझ में आ गया था कि इस धरती पर प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के सही उपयोग से उनके लिए भोजन की व्यवस्था बहुत कठिन नहीं है, बहुत कम ल…