कुछ दिनों तक तो हमें चार सौ बीस में रहने को बाध्‍य होना पडा !!

पिछले इस और इस आलेख के माध्‍यम से क्रमश: आपको जानकारी हुई कि किन परिस्थितियों में हमने अपने बच्‍चों का बोकारो के स्‍कूल में एडमिशन कराया और हमें एक महीने तक चास में विपरीत परिस्थितियों में रहने को बाध्‍य होना पडा। घर लौटने पर…

बोकारो में मकान की किल्‍लत

पिछले अंक में आपने पढा कि कितनी माथापच्‍ची के बाद हमने आखिरकार बच्‍चों का बोकारो में एडमिशन करवा ही लिया। 1998 के फरवरी के अंत में बच्‍चों के दाखिले से लेकर स्‍कूल के लिए अन्‍य आवश्‍यक सामानों की खरीदारी , जो आजकल आमतौर पर स्‍क…

घर लौटने के लिए तो रास्‍ता खुला

बेटे के एडमिशन के सिलसिले में एक सप्‍ताह से नेट से , ब्‍लॉग जगत से दूर थी , कुछ भी लिखना पढना नहीं हो पाया। दो वर्ष पहले जब बडे बेटे ने अपनी पढाई के लिए घर से बाहर कदम बढाया था , छोटे की घर में मौजूदगी के कारण बनी व्‍यस्‍तता ने…

यदि आप भविष्‍य को अनिश्चित देखना चाहते हैं .....

ज्‍योतिष के पक्ष्‍ा और विपक्ष में तर्कों की कमी नहीं , पर किसी का यह तर्क देना कि   हम भविष्‍य को अनिश्चित ही देखना चाहते हैं , इसलिए ज्‍योतिष के अध्‍ययन की कोई आवश्‍यकता नहीं , सबसे बेकार का तर्क है। यदि आप भविष्‍य को अनिश्चि…

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