पूरे ब्रह्मांड में बनते रहते हैं सुंदर सुंदर दृश्‍य .....

जिस तरह पृथ्‍वी में सुंदर दृश्‍यों की कमी नहीं , वैसे ही पूरे ब्रह्मांड में भी बनते रहते हैं। हमारा ब्रह्मांड करोड़ों निहारिकाओं के समूह से भरा हुआ है। आसमान में अक्‍सर इनकी विभिन्‍न गतियों के कारण सुंदर दृश्‍य बनते हैं। कभी कभी…

फिलहाल किसी क्रांति की कोई संभावना नहीं मुझे तो नहीं दिखती ..

आज निम्न  वर्गीय परिवारों के बच्चों को खाना , कपडा , मकान , सायकल और जरूरत की अन्य चीजें मुफ्त मिल रही है .. जो उनके माता पिता को दिनभर कडी मेहनत के बाद भी नहीं मिल पाती थी ... वे इस व्यवस्था में क्या खामी देखेंगे ?? मध्यमवर्…

डॉ बी एन पांडेय जी के द्वारा लिखा गया प्राक्‍कथन

सूर्यादि ग्रहों तथा अश्विन्‍यादि नक्षत्रों के गणित तथा फलित का वर्णन विवेचन करने वाले शास्‍त्र की अभिद्दा ज्‍योतिष है। वेद के छठे अंग ( अनुक्रमत शिक्षा , कल्‍प , व्‍याकरण , तिरूक्‍त , छंद और ज्‍योतिष ) के रूप में ज्‍योतिष …

29 अप्रैल को होने वाले विवाह

30 अप्रैल को सुबह सुबह शैलेश भारतवासी जी के फेसबुक स्‍टेटस पर मेरी नजर गई ... क्या कभी ऐसा भी हो सकता है कि मातम और उत्सव इतनी जल्दी-जल्दी हों कि इंसान उनका एहसास न कर सके। गौरव शर्मा (Gaurav Sharma) के परिवार के साथ कु…

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