हम सभी जानते हैं कि घडी या कैलेण्डर समय को याद रखने का एक माध्यम भर है , यह अपने में बिल्कुल तटस्थ है और हरेक व्यक्ति को अपनी सुविधानुसार इसका उपयोग करना होता है। न तो किसी प्रकार की खुशी और न ही किसी प्रकार के गम से इसका कोई लेना देना होता है। अपनी सुविधा के लिए हम घडी और कैलेण्डर की तरह अन्य साधनों का निर्माण करते हैं। किसी न किसी दिन सबका अंत होना ही है , कंप्यूटर इंजीनियरों द्वारा कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग 2000 तक के लिए की गयी थी।
2000 के एक दो वर्ष पूर्व से ही इस बात को लेकर हंगामा मचा हुआ था कि Y2K की समस्या के कारण हमारे सारे कंप्यूटर बेकार हो जाएंगे , पर ऐसा नहीं हुआ। उस समस्या को दूर किया गया और आज भी हम उसका उपयोग कर रहे हैं। पिछले लेख में आपने पढा कि 2010 तक ही अपने सॉफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग किए होने से 2012 दिसंबर की ग्रहीय गणना में मेरे समक्ष भी बाधा आयी। अब यदि इस मध्य मैं दुनिया में न होती , तो मेरे किसी शिष्य के द्वारा इस बात का भयावह अर्थ लगाना भी संभव था।
किसी असामान्य परिस्थिति में इस प्रकार का भ्रम पैदा हो जाना बिल्कुल स्वाभाविक है , पर हर वक्त हमें अपने विवेक से काम लेना चाहिए। सिर्फ माया कैलेण्डर की चर्चा में ही पोस्ट की लंबाई बढ गयी है , जबकि 2012 के प्रलय की संभावना के बारे में बहुत सारे सबूत जुटाए गए हैं , सबकी चर्चा के लिए फिर अगली कडी का इंतजार करवाने को बाध्य हूं।
'गत्यात्मक ज्योतिष' टीम
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