दिसंबर 2012 में माया पंचांग के समाप्त होने के कारण विश्व में प्रलय आने की संभावना को काटती हुई मेरे आलेखों की श्रृंखला अभी पूरी भी नहीं हुई और कल से ही मेरे पास चंद्रग्रहण से शुरू होनेवाले इस वर्ष में ग्रहों के अच्छे या बुरे प्रभाव की जिज्ञासा को लेकर फोन आ रहे हैं। एक ब्लॉगर महेश कुमार वर्मा जी के अनुरोध पर विशेष रूप से समय निकालकर मै इस आलेख को लिखकर पोस्ट कर रही हूं। 20 जुलाई को सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के जड चेतन पर पडने वाले प्रभाव को काटते हुए मैने इस बात को स्पष्टत: समझाया था कि ऋषि, महर्षियों ने जन्मकुंडली निर्माण से लेकर भविष्य कथन तक के सिद्धांतों में कहीं भी आसमान के त्रिआयामी स्थिति को ध्यान में नहीं रखा है ।
इसका अर्थ यह है कि फलित ज्योतिष में आसमान के द्विआयामी स्थिति भर का ही महत्व है। शायद यही कारण है कि पंचांग में प्रतिदिन के ग्रहों की द्विआयामी स्थिति ही दी होती है। ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ भी ग्रहों के पृथ्वी के जड चेतन पर पडने वाले प्रभाव में ग्रहों की द्विआयामी स्थिति को ही स्वीकार करता है। इस कारण सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण से प्रभावित होने का कोई प्रश्न कैसा ?
हममें से अधिकांश लोगों को यह जानकारी नहीं होगी कि हिन्दी तिथि या संक्रांति के अनुसार वर्ष के शुरूआत का कोई आकाशीय आधार होता है और उसकी गणना के अनुसार वर्ष के शुरूआत को पूरे वर्ष का प्रतिनिधित्व करनेवाला समय माना जा सकता है , यानि सूर्य और चंद्र की स्थिति या आसमान के 360 डिग्री के बारह भागों में बंटवारा, जो 0 डिग्री से शुरू किया जाता है ,उसका पर्याप्त आधार है और उसे किसी भी युग में 15 डिग्री से शुरू नहीं किया जा सकता। पर अंग्रेजी कैलेण्डर बनाए जाने के क्रम में आसमान में स्थिर सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी की 1 जनवरी की स्थिति का कोई ऐसा महत्वपूर्ण आधार नहीं , जिसके कारण 1 जनवरी के 12 बजकर 1 मिनट को ही पूरे वर्ष का प्रतिनिधित्व करनेवाला समय माना जाए। किसी भी युग में अंग्रेजी कैलेण्डर को 1 जनवरी से बदलकर 15, 16, 20 जनवरी या वर्ष के किसी भी अन्य दिन से शुरू किया जा सकता है। फिर इस समय के चंद्रग्रहण के शुरूआत से वर्षभर का भय कैसा ?
यदि 'गत्यात्मक ज्योतिष' के हिसाब से देखा जाए तो 2009 का अंत और 2010 के शुरूआत के वक्त ग्रहों की स्थिति बहुत ही अच्छी दिख रही है, पूर्ण चंद्र तो वैसे ही मनोनुकूल कार्यों को संपन्न कराने में मदद करता है , उसके साथ अन्य कई ग्रहों की अनुकूलता के कारण नववर्ष के कार्यक्रमों का लोग सही ढंग से आनंद ले पाएंगे। यदि वर्षभर में कहीं कोई गडबडी आएगी , तो तात्कालीन ग्रहों का प्रभाव होगा , न कि वर्ष की श्ुरूआत में होनेवाले ग्रहण के कारण का। वर्ष 2010 आपके , आपके परिवार के लिए बहुत खुशियां लेकर आए , आपकी मनोकामना पूरी हो , आप बहुत बहुत नाम यश प्राप्त करें , इन्हीं शुभकामनाओं के साथ .....