पिछले कई दिनो से मैं इस ब्लॉग को अपडेट नहीं कर पायी , गत्यात्मक चिंतन पर मेरा चिंतन जरूर चल रहा था। उसमें लिखे पहली पोस्ट पर , हमारे विवाह की वर्षगांठ पर लिखी गयी दूसरी पोस्ट पर और पाबला जी की पोस्ट पर आप सबों की ढेर सारी शुभकामनाएं मिली , जिसके लिए मैं आप सबों का आभार व्यक्त करती हूं। उम्मीद करती हूं , आगे भी आप सबों का ऐसा ही स्नेह बना रहेगा।
ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तारीख से ही सृष्टि का आरंभ हुआ है। शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही चंद्र की कला का प्रथम दिवस है। अतः इसे छोड़कर किसी अन्य दिवस को वर्षारंभ मानना उचित नहीं है।संवत्सर शुक्ल से ही आरंभ माना जाता है क्योंकि कृष्ण के आरंभ में मलमास आने की संभावना रहती है जबकि शुक्ल में नहीं। विक्रम संवत की चैत्र शुक्ल की पहली तिथि से न केवल नवरात्रि में दुर्गा व्रत-पूजन का आरंभ होता है, बल्कि राजा रामचंद्र का राज्याभिषेक, युधिष्ठिर का राज्याभिषेक, सिख परंपरा के द्वितीय गुरु अंगद देव का जन्म, आर्य समाज की स्थापना, महान नेता डॉ. केशव बलिरामका जन्म भी इसी दिन हुआ था। साथ ही, आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन हुई थी।
16 मार्च 2010 को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के आरंभ के साथ ही विक्रम संवत् 2067 का आरंभ होगा। कई प्रदेशों में इस दिन का स्वागत कड़वे घूँट से किया जाता है। सबसे पहले नीम का रस पिया जाता है। इस मौसम में नीम में फूल भी आते है और कोमल पत्ते भी आते है। कुछ लोग इसके कोमल पत्ते चबाते भी है। यह तो सभी जानते है कि नीम एक अच्छी औषधि है। नीम की पत्तियों और फूलों का रस पीने से रक्त शुद्ध होता है और त्वचा के रोग नहीं होते। पहले ही दिन कड़वा घूँट पीने का अर्थ है कि जीवन सिर्फ़ मीठा ही नहीं है अनेक कड़वे अनुभव भी होते है जिन्हें झेलने के लिए हमें तैयार रहना है। इस तरह हम मानसिक रूप से दुःखों का सामना करने के लिए तैयार रहेंगें और नीम का रस पीकर हम निरोग भी रहेंगें।
भारत के कई राज्यों में नए वर्ष का स्वागत करते हुए उत्सव मनाया जाता है। यह दिन जम्मू-कश्मीर में नवरेह,पंजाब में वैशाखी, महाराष्ट्र में गुडीपडवा, सिंधी में चेतीचंड,केरल में विशु,असम में रोंगलीबिहूआदि के रूप में मनाया जाता है। आंध्र में यह पर्व उगादिनाम से मनाया जाता है। सिंधु प्रांत में नवसंवतको चेटीचंडो[चैत्र का चांद] नाम से पुकारा जाता है। सिंधी समाज इस दिन को बडे हर्ष और उल्लास के साथ उत्सव के रूप में मनाता है। इस दिन हम ईश्वर से यह प्रार्थना करते हैं कि नव वर्ष हर प्रकार से हमारे लिए कल्याणकारी हो। नया वर्ष आपके लिए बहुत खुशियां , बहुत सफलता से संयुक्त करे , आप सबों को नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं !!