कभी कभी जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं अवश्य घट जाती हैं , जिसे संयोग या दुर्योग का पर्याय कहते हुए हम भले ही उपेक्षित छोड दें , पर हमारे मन मस्तिष्क को झकझोर ही देती है। आध्यात्म को मानने वाले इस बात को समझ सकते हैं कि निश्चित पर…
पिछले कई दिनो से मैं इस ब्लॉग को अपडेट नहीं कर पायी , गत्यात्मक चिंतन पर मेरा चिंतन जरूर चल रहा था। उसमें लिखे पहली पोस्ट पर , हमारे विवाह की वर्षगांठ पर लिखी गयी दूसरी पोस्ट पर और पाबला जी की पोस्ट पर आप सबों की ढेर …
मेरे जीवन साथी के बारे में कुछ जानकारी हमारे विवाह के समय के माहौल के बारे में कल ही आपको काफी जानकारी मिल चुकी , 1988 के 12 मार्च को हमारे विवाह के बाद 13 मार्च से शुरू हुई इस यात्रा के आज 22 वर्ष पूरे होने को हैं। इस अंतराल…
प्रतिवर्ष फरवरी की समाप्ति के बाद मार्च के शुरूआत होते ही शनै: शनै: ठंढ की कमी और गर्मी के अहसास से जैसे जैसे कुछ सुस्ती सी छाने लगती है , वैसे वैसे मेरा मन मस्तिष्क 1988 की खास पुरानी यादों से गुजरने लगता है। नौकरी छोडकर गां…