jyotish app in hindi
जब आप हमारे एप्प के वार्षिक
पूर्वानुमान लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपको DROPDOWN में पांचवें नंबर पर पढ़ाई-लिखाई, निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, आदि से सम्बंधित भविष्यवाणियाँ दिखाई
देंगी। निःशुल्क सब्सक्रिप्शन लेने के बाद आप यहाँ आपके पढ़ाई-लिखाई, निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी,
आदि मामलों में कई
तरह की बातें पूरे दो साल तक के लिए कई समय-अंतराल देकर लिखी हुई होंगी।
- बुद्धि को सहज ढंग से काम करना चाहिए। पढ़ने-लिखने का अच्छा वातावरण बनना चाहिए। संतान पक्ष का माहौल भी अच्छा होना चाहिए। संतान पक्ष के अन्य कार्यों में भी सफलता मिलते रहनी चाहिए।
- बुद्धि की तीक्ष्णता में कुछ कमी रहती है। संतान के कष्ट भी मौजूद हो सकते हैं। अपनी या संतान पक्ष की पढाई लिखाई का माहौल कमजोर रह सकता है । बच्चों से सम्बंधित किसी अन्य मामलों की कठिनाई भी उपस्थित हो सकती है।
ऊपर लिखे गए दोनों तरह पूर्वानुमान सामान्य से कुछ अच्छी और
सामान्य से कुछ बुरी स्थिति की जानकारी देता है , इसमें बहुत बड़ी बात नहीं होती, जबतक पढ़ाई-लिखाई, निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, का प्रतिनिधित्व करनेवाले आपके जन्मकालीन ग्रह कमजोर न हों और
आपके ये मामले सेंसिटिव न चल रहे हों। लेकिन जब ऐसे पूर्वानुमान लिखे गए हों
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- कुछ
शुभ-ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों से सम्बंधित सफलता, ख़ुशी या आनंददायक
वातावरण मिलना चाहिए। इसे प्राप्त करने के लिए इन मामलों में पूरा ध्यान बना रहना
चाहिए। इस दिशा में किया जानेवाला मेहनत भी फलदायी होना चाहिए। पढाई-लिखाई
के मामलों के लिए महत्वपूर्ण समय होना चाहिए। बुद्धि-ज्ञान के स्तर को बढ़ाने की
कोशिश जारी रहनी चाहिए। संतान पक्ष के मामलों में भी महत्वपूर्ण और याद रखने लायक
कार्यक्रम बनने चाहिए।
- कुछ
अशुभ ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों से सम्बंधित असफलता , कष्ट या दवाबभरा
वातावरण उपस्थित हो सकता है , जिसको सुधारने के लिए इन मामलों पर पूरा ध्यान बना रह सकता है।
यह किनके लिए कितना प्रभावी होगा , इसे स्पष्टतः समझने और सटीक निर्णय लेने के लिए कभी-कभी हमारा
कंसल्टेशन लेना जरूरी महसूस हो सकता है। पढाई-लिखाई
के मामलों की कुछ समस्या उपस्थित हो सकती है। इन मामलों में अधिक मेहनत की जरूरत
पड़ सकती है। संतान पक्ष की किसी समस्या को सुधार न पाने का तनाव बन सकता है।
ऐसे दोनों पूर्वानुमान बहुत ही अच्छी और
बहुत ही बुरी स्थिति के संकेतक हैं। हम सामान्य बोलचाल में भी इसे किसी का फॉर्म
में होना और किसी का फॉर्म में न होना कहते हैं। इसलिए ऐसी भविष्यवाणियों के पहले
अतिरिक्त तैयारी की जरूरत है।
कभी कभी सामान्य पूर्वानुमान में ऐसी
बातें लिखी मिलेंगी -----
- कुछ क्रियाशील ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों से संबंधित जिम्मेदारी बढ़नी चाहिए। इन मामलों में या तो स्वयं बदलाव होना चाहिए या परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बननी चाहिए कि इनमे मजबूती या बदलाव लाए जाएँ।
देखने में यह पूर्वानुमान बिलकुल
सामान्य लग रहा, पर
यह समय-अंतराल भी बड़े परिवर्तन देता है। पर यह पॉजिटिव होगा या नेगेटिव, इसे बतलाना अभी के समय में एप्प के लिए
मुश्किल होता है, इसलिए
इसे यूँ ही छोड़ दिया गया है।
कहीं-कहीं पढ़ाई-लिखाई, निर्णय-शक्ति, संतान, उत्तराधिकारी, के
ऋणात्मक के साथ भी 1 वाक्य
जोड़ा गया है , जो
ऋणात्मकता के तीव्रता को बढ़ाता है ------
- कुछ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों में मनोनुकूल माहौल के नहीं बनने से या असफलता प्राप्त होने से कुछ निराशा सी बन सकती हैं। इन मामलों के माहौल को बदलने की कोशिशें भी बेकार हो सकती हैं।
लेकिन इस तरह के वाक्यों के रहने से बाधाएं बहुत मामूली
रहेंगी -----
कुछ अशुभ ग्रहों के
प्रभाव से इन मामलों में सम्बन्ध की गड़बड़ी या इससे सम्बंधित किसी कार्य के आगे न
बढ़ने जैसी थोड़ी बाधा आ सकती हैं। पर उसके बाद माहौल अनुकूल होना चाहिए।
किसी समय में ऐसे वाक्य हों तो -----
- कुछ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों की कुछ कमजोरी बनी रह सकती हैं । ऐसे समय में कोई बड़ा कदम उठाने से झंझट बढ़ सकते हैं।
इन मामलों में जबतक जरूरी न हो, कोई काम न शुरू करें।
किसी समय में ऐसे वाक्य हो सकते हैं -----
- कुछ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से ये सारे मामले कठिनाई या असफलता उपस्थित कर किसी मामले से सम्बंधित वातावरण को ऋणात्मक बना सकते हैं , जिसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव बुरा पड सकता है।
इसके अतिरिक्त भविष्यवाणियों में किसी
समय में ऐसे वाक्य हो सकते हैं -----
- कुछ शुभ-ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों के द्वारा सुख या सफलता मिलने से किसी मामले से सम्बंधित वातावरण सकारात्मक दिखाई देना चाहिए , जिसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव अच्छा पड़ना चाहिए।
कल के रोग, ऋण और शत्रु जैसे
झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव मामलों
में ऐसी ही चर्चा होगी।