2021 में रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव ?

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जब आप हमारे एप्प के वार्षिक पूर्वानुमान लिंक पर क्लिक करेंगे तो आपको DROPDOWN में छठे नंबर पर रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव आदि से सम्बंधित भविष्यवाणियाँ दिखाई देंगी। निःशुल्क सब्सक्रिप्शन लेने के बाद आप यहाँ आपके रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव आदि मामलों में  कई तरह की बातें पूरे दो साल तक के लिए कई समय-अंतराल देकर लिखी हुई होंगी।


  1. प्रभाव की स्थिति मजबूत बनी रहनी चाहिए। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की प्रचुरता होनी चाहिए। ऋण-ग्रस्तता जैसी मुसीबतों से छुटकारा मिलना चाहिए। किसी से शत्रुता नहीं बढ़नी चाहिए। किसी झंझट से जूझने में हिम्मत की प्रचुरता बनी रहनी चाहिए। उलझनों या चुनौतीपूर्ण कार्यों को निबटाने में सफलता मिलनी चाहिए।
  2. प्रभाव कमजोर रह सकता है। किसी झ़ंझ़ट को लेकर मन में भय बना रह सकता है। हिम्मत की कमी हो सकती है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता की कमी बन सकती है। ऋणग्रस्तता का संकट आ सकता है। शत्रुता बढ़ सकती है।
ऊपर लिखे गए दोनों तरह  पूर्वानुमान सामान्य से कुछ अच्छी और सामान्य से कुछ बुरी स्थिति की जानकारी देता है , इसमें बहुत बड़ी बात नहीं होती, जबतक रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव का प्रतिनिधित्व करनेवाले आपके जन्मकालीन ग्रह कमजोर न हों और आपके ये मामले सेंसिटिव न चल रहे हों। लेकिन जब ऐसे पूर्वानुमान लिखे गए हों ---------


  1. कुछ शुभ-ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों से सम्बंधित सफलता, ख़ुशी या आनंददायक वातावरण मिलना चाहिए। इसे प्राप्त करने के लिए इन मामलों में पूरा ध्यान बना रहना चाहिए। इस दिशा में किया जानेवाला मेहनत भी फलदायी होना चाहिए। रोग-प्रतिरोधक-क्षमता बढ़ी रहनी चाहिए। ऋणग्रस्तता की समाप्ति की संभावना बनी होनी चाहिए। प्रभाव को मजबूत बनाने के उपाय पर ध्यान बना होना चाहिए। प्रभावशाली लोगों से आपके संबंध की मजबूती बननी चाहिए। शत्रु पर विजय प्राप्त होनी चाहिए।
  2. कुछ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों से सम्बंधित असफलता , कष्ट या दवाबभरा वातावरण उपस्थित हो सकता है , जिसको सुधारने के लिए इन मामलों पर पूरा ध्यान बना रह सकता है। यह किनके लिए कितना प्रभावी होगा , इसे स्पष्टतः समझने और सटीक निर्णय लेने के लिए कभी-कभी हमारा कंसल्टेशन लेना जरूरी महसूस हो सकता है। रोग, ऋण या शत्रु से सम्बंधित कोई झंझट उपस्थित हो सकता है। झंझटों को सुलझाने में माथापच्ची बनी रह सकती है। प्रभावशाली लोगों की मदद प्राप्त करने के लिए कोशिश बनी रहेगी।

ऐसे दोनों पूर्वानुमान बहुत ही अच्छी और बहुत ही बुरी स्थिति के संकेतक हैं। हम सामान्य बोलचाल में भी इसे किसी का फॉर्म में होना और किसी का फॉर्म में न होना कहते हैं। इसलिए ऐसी भविष्यवाणियों के पहले अतिरिक्त तैयारी की जरूरत है।

कभी कभी सामान्य पूर्वानुमान में ऐसी बातें लिखी मिलेंगी -----


  1. कुछ क्रियाशील ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों से संबंधित जिम्मेदारी बढ़नी चाहिए। इन मामलों में या तो स्वयं बदलाव होना चाहिए या परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बननी चाहिए कि इनमे मजबूती या बदलाव लाए जाएँ।
देखने में यह पूर्वानुमान बिलकुल सामान्य लग रहा, पर यह समय-अंतराल भी बड़े परिवर्तन देता है। पर यह पॉजिटिव होगा या नेगेटिव, इसे बतलाना अभी के समय में एप्प के लिए मुश्किल होता है, इसलिए इसे यूँ ही छोड़ दिया गया है।

कहीं-कहीं रोग, ऋण और शत्रु जैसे झंझटों से जूझने की शक्ति, प्रभाव के ऋणात्मक के साथ भी 1 वाक्य जोड़ा गया है , जो ऋणात्मकता के तीव्रता को बढ़ाता है ------


  1. कुछ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों में मनोनुकूल माहौल के नहीं बनने से या असफलता प्राप्त होने से कुछ निराशा सी बन सकती हैं। इन मामलों के माहौल को बदलने की कोशिशें भी बेकार हो सकती हैं।
लेकिन  इस तरह के  वाक्यों के रहने से बाधाएं बहुत मामूली रहेंगी -----


  1. कुछ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों में सम्बन्ध की गड़बड़ी या इससे सम्बंधित किसी कार्य के आगे न बढ़ने जैसी थोड़ी बाधा आ सकती हैं। पर उसके बाद माहौल अनुकूल होना चाहिए।
किसी समय में ऐसे वाक्य हों तो -----


  1. कुछ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों की कुछ कमजोरी बनी रह सकती हैं । ऐसे समय में कोई बड़ा कदम उठाने से झंझट बढ़ सकते हैं।
इन मामलों में जबतक जरूरी न हो, कोई काम न शुरू करें।

किसी समय में ऐसे वाक्य हो सकते हैं  -----

  1. कुछ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से ये सारे मामले कठिनाई या असफलता उपस्थित कर किसी मामले से सम्बंधित वातावरण को ऋणात्मक बना सकते हैं , जिसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव बुरा पड सकता है।

इसके अतिरिक्त भविष्यवाणियों में किसी समय में ऐसे वाक्य हो सकते हैं  -----


  1. कुछ शुभ-ग्रहों के प्रभाव से इन मामलों के द्वारा सुख या सफलता मिलने से किसी मामले से सम्बंधित वातावरण सकारात्मक दिखाई देना चाहिए , जिसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव अच्छा पड़ना चाहिए।



कल के प्रेम-सम्बन्ध, दांपत्य-जीवन, घर-गृहस्थी  मामलों में ऐसी ही चर्चा  होगी।

संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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