google.com, pub-9449484514438189, DIRECT, f08c47fec0942fa0 दक्षिण: कुक्षौ पुत्रम् जीजनत् ...

दक्षिण: कुक्षौ पुत्रम् जीजनत् ...

कल दिब्‍या श्रीवास्‍तव जी के लेख मनचाही संतान कैसे प्राप्‍त करें के पोस्‍ट होने के बाद से ही ब्‍लॉग जगत में हमारे देश के परंपरागत तकनीकों के विरोध के स्‍वर मुखरित हो रहे हैं। पोस्‍ट के विवादास्‍पद होने का कारण यह विषय नहीं , वरन् इसके लिए आयुर्वेद के महत्‍व को माना जाना है। टिप्‍पणियों में अच्‍छी खासी चर्चा के बाद कई आलेख भी प्रकाशित किए गए हैं और उनमें भी पक्ष और विपक्ष में टिप्‍पणियां आ रही हैं। जिन महत्‍वपूर्ण आधारों पर हमारी परंपरागत जीवनशैली आधारित थी , जिसके कारण सदियों से एक अच्‍छी परंपरा चली आ रही है , उसे इतनी आसानी से अनदेखा नहीं किया जा सकता। आखिर बिना किन्‍हीं सिद्धांतों को परखे जांचे बिना हम किसी बात को सही गलत कैसे कह सकते हैं ??

आज डॉ अजीत गुप्‍ताजी ने गलत नहीं लिखा है।  इस देश को 250 वर्षों तक अंग्रेजों ने बेदर्दी से लूटा और लूटा ही नहीं हमारे सारे उद्योग धंधों को चौपट किया, हमारी शिक्षा पद्धति, चिकित्‍सा पद्धति, न्‍याय व्‍यवस्‍था, पंचायती राज व्‍यस्‍था आदि को आमूल-चूल नष्‍ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्‍होने अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए हमें आपस में ही खूब लडाया , हमारी परंपरा को गलत ठहराया और हममें एक गुलामों वाली मानसिकता विकसित की और इसी का कारण है कि हमें आज परंपरागत चीजें नहीं , सिर्फ आज का चकाचौंध ही अच्‍छा लगता है। लेकिन दिव्‍या जी का प्रश्‍न भी जायज है कि यदि आयुर्वेद का महत्‍व नहीं , तो हल्दी और नीम , सर्पगंधा, शंखपुष्पी, शतावरी, मुस्ली तथा जिस पर भी थोडा सा शोध होता है उसे विज्ञानं पटेंट कर क्‍यूं Allopath के साथ जोड़ देता है ?? आयुर्वेद में शोध से क्या फायदा ? शोध के नतीजे तो पटेंट होने के बाद Allopath का अंग बन जायेंगे। CDRI , Lucknow has patented 'bramhi' and 'Shankhpushpi' in year 2002.America has parented 'Haldi' and ' Neem ' recently.

मुझे याद है 2004 में विज्ञान भवन में एक विज्ञान सम्‍मेलन हुआ था , जिसमें परंपरागत ज्ञान विज्ञान के शोधों को भी शामिल किया गया था। दरअसल अमेरिका द्वारा किए गए कुछ पेटेंटो से आहत होकर माशेलकर जी ने इस दिशा में प्रयास किया था , पर आगे उसपर कोई कार्रवाई होते नहीं देखा। मुझे एक बात याद भी है , जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है। उसमें जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय के एम जी महिला महाविद्यालय के प्राणी विज्ञान विभाग से अंकिता बोहरे का शोधपत्र भी शामिल किया गया था। उन्‍होने अपने शोधपत्र में लिखा था कि आज के आधुनिक विज्ञान के युग में प्राचीन विचारकों तथा वैज्ञानिकों के द्वारा दिए गए तथ्‍यों व विचारों को सत्‍यापित कर स्‍थापित करने की रेणी में मानव प्रजनन कार्यकि में स्‍त्री और पुरूष के परस्‍पर समान भागिदारिता सिद्ध करने का एक प्रयास किया गया था। लिंग निर्धारण के लिए मात्र पुरूष ही नहीं , महिला भी उतनी ही उत्‍तरदायी है , इस बात का सत्‍यापन आयुर्वेद में वर्णित एक उक्ति दक्षिण: कुक्षौ पुत्रम् जीजनत् वाम कुक्षौ पुत्रीम् जीजनत्, के आधार पर किया गया। इस उक्ति का अर्थ है कि दायीं ओर से निक्षेपित अंड से पुत्र तथा बायीं ओर के अंड से पुत्री का निर्माण होता है।

इस उक्ति के सत्‍यापन के लिए यू जी सी के अंतर्गत एक रिसर्च प्रोजेक्‍ट शासकीय मेडिकल कॉलेज में संपन्‍न किया गया, जिसमें 84 प्रतिशत सफलता मिली। इस शोध कार्य में गाइनोकोलोजिस्‍ट तथा रेडियोलोजिस्‍ट की टीम ने मिलकर कार्य किया तथा सभी महिलाओं का सोनोग्राफिक परीक्षण किया गया। इस प्रोजेक्‍ट की सफलता से यह सत्‍यापित हुआ कि महिला की दायें अंडाशय से उत्‍पन्‍न होनेवाला अंड काफी सीमा तक पुरूष लिंग निर्मित करने के लिए सूचनाबद्ध होते हैं। इस धारणा को जैव रसायनिक आधार देने की भी कोशिश की जा रही थी। यह सत्‍यापन मानव प्रजनन की तथा आनुवंशिकी में नए सोपान निर्घारित कर सकता था। इस सफलता के बाद इस दिशा में अधिक रिसर्च होने हेतु सरकार की ओर से क्‍या प्रयास हुआ , नहीं कह सकती , पर इतना तो अवश्‍य है कि परंपरागत तकनीकों के विकास में सरकार का व्‍यवहार सौतेला है। जहां तक महत्‍व की बात है हर युग में हर पद्धति का महत्‍व होता है ......
जहां काम आवै सूई , क्‍या करे तलवारि !!
संगीता पुरी

Specialist in Gatyatmak Jyotish, latest research in Astrology by Mr Vidya Sagar Mahtha, I write blogs on Astrology. My book published on Gatyatmak Jyotish in a lucid style. I was selected among 100 women achievers in 2016 by the Union Minister of Women and Child Development, Mrs. Menaka Gandhi. In addition, I also had the privilege of being invited by the Hon. President Mr. Pranab Mukherjee for lunch on 22nd January, 2016. I got honoured by the Chief Minister of Uttarakhand Mr. Ramesh Pokhariyal with 'Parikalpana Award' The governor of Jharkhand Mrs. Draupadi Murmu also honoured me with ‘Aparajita Award’ श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा ज्योतिष मे नवीनतम शोध 'गत्यात्मक ज्योतिष' की विशेषज्ञा, इंटरनेट में 15 वर्षों से ब्लॉग लेखन में सक्रिय, सटीक भविष्यवाणियों के लिए पहचान, 'गत्यात्मक ज्योतिष' को परिभाषित करती कई पुस्तकों की लेखिका, 2016 में महिला-बाल-विकास मंत्री श्रीमती मेनका गाँधी जी और महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी द्वारा #100womenachievers में शामिल हो चुकी हैं। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी के द्वारा 'परिकल्पना-सम्मान' तथा झारखण्ड की गवर्नर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा 'अपराजिता सम्मान' से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ। Ph. No. - 8292466723

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